U.S. Federal Reserve Meeting: अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिन की बैठक के बाद इसके चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ऐलान किया कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही ये ब्याज दरें 5.25 फीसदी से 5.5 फीसदी के बीच बरकरार रहेंगी. ये लगातार छठा अवसर है जब फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने ब्याज दरों को यथावत रखा है. इस समय ये ब्याज दरें दो दशक यानी 20 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं. 


फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने क्या कहा


फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) ने कहा कि महंगाई दरों के टार्गेट रेंज को घटाना इस समय सही नहीं है. जब तक इस बात का भरोसा नहीं हो जाता कि अमेरिका में महंगाई दर 2 फीसदी के नीचे जा रही है, तब तक इस तरह का फैसला नहीं लिया जा सकता है. एफओएमसी के सदस्यों ने बहुमत से ब्याज दरों को बिना बदलाव के यथावत रखने का फैसला बहुमत से लिया जहां कमिटी के सभी 12 सदस्यों ने इस फैसले के पक्ष में वोट किया.


अपनी दो दिवसीय बैठक के आखिर में एक बयान में FOMC ने कहा, "हाल के इंडीकेशन बताते हैं कि आर्थिक गतिविधियों का मजबूत और तेज स्पीड से विस्तार जारी है. आर्थिक नजरिया अनिश्चित है और कमिटी महंगाई दर के खतरों को लेकर बेहद चौकस बनी हुई है."






अमेरिका में महंगाई दर के काबू में ना आने के चलते हुआ फैसला


साल 2023 में फेडरल रिजर्व ने चार बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला टाला था जबकि अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार 26 जुलाई को ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी. मार्च 2022 से लेकर जुलाई 2023 तक के दौरान हुईं 11 बैठकों में केंद्रीय बैंक ने कुल 5.25 फीसदी का इजाफा ब्याज दरों में किया था. ऐसा फैसला देश में महंगाई की रिकॉर्ड दरों को देखते हुए किया गया. गौरतलब है कि साल 2022 की गर्मियों के दौरान अमेरिका में महंगाई दर चरम पर थी और इसके पिछले 40 सालों के दौरान सबसे ऊंचे स्तर पर चली गई थी. इसके बाद फेडरल रिजर्व ने लगातार ब्याज दरों में इजाफे का रुख अपनाया था.


अमेरिका में महंगाई दर का ऐसा था हाल


जून 2022 में अमेरिका में महंगाई दर 9.1 फीसदी की अत्याधिक ऊंची दर पर थी जो जून 2023 तक घटकर 3 फीसदी पर आ गई थी. हालांकि इसमें उतार-चढ़ाव बना रहा और अगस्त 2023 में ये 3.7 फीसदी तो दिसंबर 2023 में ये 3.4 फीसदी पर आ गई थी. ताजा महंगाई आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका में कंज्यूमर इंफ्लेशन रेट सालाना आधार पर बढ़कर 3.5 फीसदी पर आ गई थी जिसमें महीने दर महीने आधार पर 0.4 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया था.


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