S&P Adani Rating: खाने-पीने की चीजों से लेकर हवाईअड्डे और बंदरगाह जैसे क्षेत्रों में कारोबार करने वाले अडानी समूह (Adani Group) के लिए हालिया कुछ समय ठीक नहीं रहे हैं. जनवरी में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक विवादास्पद रिपोर्ट (Hindenburg Report) सामने आने के बाद से समूह को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उस रिपोर्ट के आने के बाद अब तक कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां अडानी समूह की रेटिंग (Rating Agencies On Adani Group) को घटा चुकी हैं. अब एक अन्य प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने भी समूह के लिए चिंता बढ़ाने वाला इशारा किया है.


एसएंडपी ने जताई ये आशंका


रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स यानी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने हाल ही में जारी एक बयान में अडानी समूह की कंपनियों की रेटिंग को लेकर नकारात्मक कदम उठाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया. रेटिंग एजेंसी ने साफ कहा कि अगर उसे किसी गंभीर गड़बड़ी का पता चलता है, तो वह अडानी समूह की कंपनियों पर निगेटिव रेटिंग एक्शन ले सकती है. एजेंसी ने कहा कि इन गड़बड़ियों में किसी रिलेटेड-पार्टी लोन या कैश लीकेज की जानकारी छुपाना अथवा गलत जानकारी देना शामिल है.


हिंडनबर्ग ने लगाए थे ये आरोप


आपको बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी समूह ने शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला किया है. हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के ऊपर गलत तरीके से अपने शेयरों के भाव को ऊपर चढ़ाने समेत कई गंभीर आरोप लगाया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी समूह के शेयरों की वैल्यू में भारी गिरावट आई थी. फर्म ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह के शेयरों के ओवरवैल्यूड होने की भी बात की थी.


ये कदम उठा चुकीं रेटिंग एजेंसियां


उक्त रिपोर्ट के सामने आने के बाद कई रेटिंग एजेंसियों ने अडानी समूह की कंपनियों की रेटिंग कम की थी. सबसे पहले मूडीज ने 11 फरवरी को समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज समेत अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और एसीसी के रेटिंग आउटलुक को डाउनग्रेड कर दिया था. उसके बाद बाजार नियामक सेबी ने 17 फरवरी को अडानी की कंपनियों के लोन की रेटिंग की जानकारियां मांगी थी. वहीं रेटिंग एजेंसी फिच ने अडानी ट्रांसमिशन की रेटिंग को 23 फरवरी बरकरार रखा था, जबकि इंडिया रेटिंग्स ने 07 मार्च को ए-प्लस रेटिंग बरकरार रखते हुए आउटलुक को निगेटिव से स्टेबल कर दिया था.


अब एसएंडपी ने कही है ये बात


एसएंडपी की बात करें तो इस एजेंसी ने ताजे बयान से पहले 25 फरवरी को अडानी समूह को लेकर कदम उठाया था. तब एजेंसी ने अडानी ग्रीन को निगरानी के दायरे से बाहर कर दिया था और रेटिंग को बरकरार रखा था. अब एजेंसी ने ‘अडानी समूह: ज्ञात अज्ञात (Adani Group: The Known Unknowns)’ नाम से एफएक्यू स्टाइल में बयान जारी किया है. उसने कहा कि रेटिंग की दिशा तय करने से पहले वह भी बाजार की तरह अडानी समूह को लेकर और सूचनाओं का इंतजार कर रही है. एजेंसी ने कहा कि कंपनी संचालन और फंडिंग के जोखिम से जुड़ी जानकारियां अगले 12-24 महीन के दौरान अडानी समूह की कंपनियों की रेटिंग तय करेंगी.


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