भारतीय शेयर बाजार में विदेशी और देशी निवेशकों दोनों ने अलग-अलग राह पकड़ी है. एफपीआई समेत दूसरे विदेशी निवेशक यहां बिजनेस गतिविधियां जोर पकड़ने की उम्मीद में निवेश कर रहे हैं वहीं म्यूचुअल फंड शेयरों से पैसा निकाल रहे हैं. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक यानी FPI ने नवंबर के पहले पांच कारोबारी सेशन में भारतीय बाजारों में 8,381 करोड़ रुपये लगाए वहीं अक्टूबर महीने में म्यूचुअल फंड्स ने शेयरों से 14,300 करोड़ रुपये की भारी निकासी कर डाली.


बिजनेस गतिविधियां बढ़ने और अच्छे नतीजों ने बढ़ाया निवेश


जहां तक एफपीआई के निवेश बढ़ाने का मामला है तो इसकी वजह बिजनेस गतिविधियों के दोबारा शुरू होने और सितंबर तिमाही में कंपनियों की उम्मीद से बेहतर नतीजे बताई जा रही है. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने शेयरों में 6,564 करोड़ रुपये और बॉन्ड सेगमेंट में 1,817 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसी तरह 2 से 6 नवंबर के बीच एफपीआई की ओर से 8,381 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. देश में कोविड-19 मामलों में आई कमी और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से भी निवेश सेंटिमेंट में मजबूती आई है.


म्यूचुअल फंड क्यों निकाल रहे हैं निवेश 


दूसरी ओर म्यूचुअल फंड्स लगातार शेयरों से पैसा निकाल रहे हैं. अक्टूबर महीने में म्यूचुअल फंड्स ने 14,300 करोड़ रुपये की भारी निकासी की. यह लगातार पांचवां महीना है जब म्यूचुअल फंड ने लगातार शेयरों से पैसा निकाला है. सेबी के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से मई के बीच म्यूचुअल फंड्स ने शेयर मार्केट में कुल 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था. म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी से निकासी की बड़ी वजह घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती और अमेरिकी चुनावों को लेकर निवेशकों में चिंता रही है.


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