Pakistan Economy Crisis: इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) को कर्ज देने के लिए एक और शर्त रखी है. फरवरी के शुरुआत से ही पाकिस्तान और IMF के बीच 1.1 अरब डाॅलर का लोन जारी करने को लेकर चर्चा चल रही है. यह फंड IMF द्वारा स्वीकृत किए गए 6.5 अरब डाॅलर बेलआउट पैकेज का हिस्सा है. अगर IMF ये कर्ज जारी करता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को एक संजीवनी मिल सकती है. 


पाकिस्तान IMF से कर्ज पाने के लिए कई आर्थिक बदलाव कर चुका है. इसमें बिजली पर टैक्स लगाने से लेकर, फ्यूल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी और अन्य टैक्सों में बढ़ोतरी शामिल है. IMF की ओर से पाकिस्तान के लिए कोई राशि जारी नहीं की गई है, जिसे लेकर दोनों के बीच चर्चा चल रही है. इस बीच, IMF ने नई शर्त रखी है. 


IMF ने क्या रखी शर्त 


पीकेरेवेन्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटनेशनल मोनेटरी फंड ने पाकिस्तान को बेलआउट किस्त जारी करने के लिए कोई कदम उठाने से पहले एक्सटर्नल फाइनेंस एश्योरेंस मांगा है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान को बाहरी वित्तपोषण पर आश्वासन देना होगा. IMF के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन जुली कोजैक ने कहा कि पाकिस्तान को अगला बेलआउट जारी करने से पहले ये देखना होगा कि हमारे पर फाइनेंस एश्योरेंस है या नहीं. 


IMF 7 अरब डाॅलर एश्योरेंस की मांग 


IMF पाकिस्तान से 7 अरब डाॅलर का एश्योरेंस की मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसे 5 अरब डाॅलर तक रखने की बात कर रहे हैं. पाकिस्तान के जियो न्यूज के मुताबिक, IMF के साथ डील होने के बाद उस देश की विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी होगी. 


उच्च महंगाई से गुजर रहा पाकिस्तान 


गौरतलब है कि IMF पाकिस्तान के लिए बेलाआउट फंड जारी करने के लिए अधिकारियों से चर्चा कर रहा है. वर्तमान समय में पाकिस्ताान में धीमी अर्थव्यवस्था बढ़ोतरी, भारी कर्ज और उच्च महंगाई दर जैसी कई चुनौतियां है, जिस कारण चीजों की कीमत उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है. 


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