Income Tax on Diwali Gifts: त्‍योहारी सीजन की शुरुआत तो दुर्गा पूजा से हो चुकी है लेकिन अभी दिवाली जैसा महत्‍वपूर्ण त्‍योहार आना बाकी है. दिवाली के अवसर पर दोस्‍त-रिश्‍तेदारों के साथ-साथ कुछ कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस देती हैं. इन्‍हें आप दिवाली गिफ्ट्स कह सकते हैं. उपहारों का आदान-प्रदान आपकी खुशी को प्रदर्शित करता है, लेकिन आपने विचार किया है कि इन पर आपको टैक्‍स भी चुकाना पड़ सकता है? आइए, जानते हैं कि उपहारों से जुड़े नियम क्‍या हैं और किन मामलों में आपको टैक्‍स देना होगा.  


मित्रों और परिवार से मिले उपहारों पर टैक्‍स  


क्लियर के फाउंडर एवं सीईओ अर्चित गुप्‍ता कहते हैं कि 50,000 रुपये या उससे कम तक के नकद उपहार पर टैक्‍स नहीं देना होता है. साल भर में मिले अपने उपहारों के मूल्‍य का दाम जोड़ना न भूलें. यदि इनकी कीमत 50,000 रुपये से अधिक है तो पूरी राशि पर आपको टैक्‍स देना होगा. उदाहरण के तौर पर यदि आप अपने दोस्त से नया कैमरा खरीदने में मदद के लिए 30,000 रुपये प्राप्त करते हैं, तो यहां आपकी कोई कर देनदारी (Tax Liability) नहीं बनती है. फिर, कुछ महीने बाद आप किसी दूसरे फ्रेंड से 25,000 रुपये लेते हैं, जिसका इस्तेमाल आप सैर-सपाटे के लिए करने वाले हैं. इसके बाद आपक जन्‍मदिन आया जन्मदिन है और आपके मित्र आपको 5,000 रुपये का उपहार देते हैं. अब सब मिलाकर आपकी कुल उपहार प्राप्ति 50,000 रुपये को पार कर गई है और प्राप्त की गई पूरी 60,000 रुपये की राशि कर योग्य होगी.


गुप्‍ता के अनुसार, इसे 'अन्य स्रोतों से आय' (Income From Other Sources) मद के तहत जोड़ा जाएगा और आपके टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा. 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के भौतिक उपहारों पर भी इसी तरह कर लगाया जाता है.


रिश्‍तेदारों से प्राप्‍त उपहारों पर नहीं लगता है टैक्‍स 


रिश्तेदारों से प्राप्त उपहार कर से मुक्त (Tax Free) हैं. इतना ही नहीं, आप रिश्तेदारों से उपहार के तौर पर कितना प्राप्त कर सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है! गुप्‍ता कहते हैं कि रिश्तेदारों को भी आयकर अधिनियम में परिभाषित किया गया है और दुर्भाग्य से प्रेम हितों को शामिल नहीं किया गया है. आपके पति या पत्नी, आपके माता-पिता, आपके भाई या बहन (और उनके संबंधित पति / पत्नी), आपके पति या पत्नी के भाई या बहन (और उनके पति / पत्नी), आपके माता-पिता में से किसी के भाई या बहन, आपके या आपके पति या पत्नी के वंशज ही रिश्तेदारों के रूप में परिभाषित हैं. शादी पर प्राप्त सभी उपहार कर से मुक्त हैं लेकिन दिवाली या आपके जन्मदिन पर प्राप्त उपहार कर योग्य हैं. ये नियम वहां भी लागू होते हैं जहां देने वाला या पाने वाला अनिवासी होता है.


इनकम टैक्‍स एवं इन्‍वेस्‍टमेंट एक्‍सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 56(2)(X) के अनुसार, भतीजा अगर चाचा को या भांजा अपने मामा को गिफ्ट देगा तो उस पर कर देनदारी बन सकती है.


यदि आप अपने बच्चों या माता-पिता को धन या सोना या दिवाली पर कोई उपहार देने की योजना बना रहे हैं तो कोई टैक्‍स नहीं लगेगा. गुप्‍ता कहते हैं कि ध्यान रखें, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट्स के उपहार की प्राप्ति आपके बच्चों के लिए कर योग्य नहीं है, ऐसे सावधि जमा से ब्याज आय को आपकी अपनी आय के साथ जोड़ दिया जाएगा. या यदि आपने अपनी पत्नी को कोई घर या संपत्ति उपहार में दी है, तो ऐसे उपहार से होने वाली आय पर टैक्‍स देनदारी बन सकती है.


नियोक्ताओं से प्राप्‍त गिफ्ट्स पर देना पड़ सकता है टैक्‍स


कोई भी उपहार, जो किसी कर्मचारी को दिवाली या शादी जैसे अवसर पर दिया जाता है, कर्मचारी के लिए कर योग्य होता है. एक परफॉरमेंस बोनस (Performance Bonus) की तरह ही इस पर टैक्‍स की देनदारी बनती है. ऐसे उपहार जो पुरस्कार के रूप में या विशेष अवसरों पर प्राप्त होते हैं, उन पर भी कर लगाया जाता है. जैन कहते हैं कि नियोक्ता द्वारा नकद या वस्तु के रूप में दिए गए उपहारों पर आपको 5,000 रुपये तक की छूट की अनुमति है. ये उपहार स्वयं कर्मचारी या उसके परिवार के किसी सदस्य द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं.