No Fly List: फ्लाइट्स में यात्रियों के खराब व्यव्हार को लेकर कई तरह की घटनाएं हाल-फिलहाल के समय में हुई हैं. कहीं यात्री अपने सहयात्रियों पर पेशाब कर दे रहे हैं तो कहीं फ्लाइट क्रू या फ्लाइट सहयोगी स्टाफ के साथ बदतमीजी की घटनाएं सुनने को मिल रही हैं. ऐसे  व्यव्हार के कारण कुछ यात्रियों को हवाई उड़ानों में बैठने से बैन कर दिया जाता है और ये कार्य उन्हें 'नो फ्लाइ लिस्ट' में डालने के बाद किया जाता है जिसकी शुरुआत डीजीसीए ने साल 2021 में की थी.


166 यात्री अभी तक नो फ्लाई लिस्ट में डाले गए


विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 2021 में 'नो फ्लाई लिस्ट' की शुरुआत के बाद से अब तक 166 यात्रियों को इस सूची में डाला है. सरकार ने सोमवार को संसद में यह जानकारी दी है. सरकार की ओर से ये जानकारी कल संसद में दे दी गई है.


लोकसभा में दी गई जानकारी


नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि यात्रियों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों की कुल संख्या 2020 में 4,786; 2021 में 5,321; 2022 में 5,525 और इस साल जनवरी से अब तक 2,384 है. उन्होंने यह भी कहा कि 2014 में देश में शिड्यूल्‍ड ऑपरेटरों के बेड़ों में कुल 395 विमान थे जिनकी संख्‍या 2023 में बढ़कर 729 हो गई है. 


इसी साल अभी तक 2300 से ज्यादा शिकायतें


इसी साल में अभी तक 2300 से ज्यादा शिकायतें आ चुकी हैं और साल 2021 से नो फ्लाइ लिस्ट जारी होने के बाद सभी शिकायतों पर गौर किया जाता है और डीजीसीए की ओर से इस पर कार्रवाई की जाती है.


अन्य बातों की भी दी जानकारी


मंत्री ने कहा कि डीजीसीए से प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश में प्रमुख घरेलू एयरलाइनों के कुल बेड़े का आकार अगले सात वर्षों में लगभग 1,600 होने की उम्मीद है. उन्‍होंने बताया कि इस साल जून तक के आंकड़ों के अनुसार रद्द की गई उड़ानों का अनुपात 0.58 प्रतिशत है. वी के सिंह भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवालों का जवाब दे रहे थे.


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