Pulses Price Hike: आपके कटोरी की दाल और महंगी होने वाली है. वजह है मांग के मुकाबले सप्लाई में कमी. 2023 में अरहर दाल और उरद की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. महंगे दाल का असर सभी पर पड़ रहा चाहे वो मध्यम वर्ग हो या गरीब. दाल प्रोटीन का सबसे बड़ा सोर्स है. और गरीबों के लिए तो प्रोटीन का इसे एक मात्र सोर्स माना जाता है. लेकिन महंगे दाल ने अभी से हर घर के बजट को बिगाड़ना शुरू कर दिया है. अरहर दाल ही नहीं बल्कि उरद दाल के दामों में भी तेजी है. कुछ यही हाल मूंग दाल का भी है. 


दाल की महंगाई 


उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के डाटा के मुताबिक राजधानी दिल्ली में जनवरी 2023 को अरहर दाल की कीमत 105 से 110 रुपये प्रति किलो थी जो अब बढ़कर 128 रुपये प्रति किलो हो चुकी है. जबकि आर्थिक राजधानी मुंबई में एक जनवरी को अरहर दाल 125-128 रुपये किलो में मिल रहा था जो 24 अप्रैल को 139 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है.  केवल अरहर दाल ही नहीं बल्कि उरद के दामों में भी तेजी देखी जा रही है. एक जनवरी 2023 को दिल्ली में उरद दाल 118 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था जो अब 123 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. मुंबई में 125 रुपये किलो में मिल रहा था जो 24 अप्रैल को 137 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. बात करे लें मूंग दाल की तो एक जनवरी को दिल्ली में 103 रुपये किलो में मिल रहा था जो अब 112 रुपये किलो में मिल रहा है. मुंबई में एक जनवरी को 124 रुपये किलो में और अब वही 138 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है.  


क्यों बढ़ रही कीमत


म्यांमार से अरहर और उरद इंपोर्ट करने वाले इंपोर्टर भारत में दाल आयात कर नहीं मंगा रहे हैं.  वे वहीं दालों की होर्डिंग कर रहे हैं जिससे घरेलू बाजार में जब दाल की कीमतें और बढ़ जाए तो वे ऊंची कीमतों पर उसे आयात करने के बाद बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा बना सकें. दाल आयात करने वाली कंपनियों ने म्यांमार में 1.50 लाख टन अरहर और 2 लाख टन के करीब उरद होर्डिंग कर रखा हुआ है. म्यांमार में भारतीय हाई कमीशन को स्थानीय अथॉरिटी के साथ मिलकर इसकी पड़ताल करने को कहा गया है जिससे जमाखोरी पर रोक लगाई जा सके. 


खुले बाजार में सरकार बेच सकती है दाल 


दाल की कीमतों में और उछाल होने पर सरकार अपने पूल से खुले बाजार में अरहर, उरद और मूंग दाल बेच सकती है जिससे कीमतों पर लगाम लगाई जा सके. केंद्रीय भंडार और नेफेड के जरिए भी खुले बाजार में सरकार दाल बेच सकती है. 


ये भी पढ़ें 


GST: राहुल गांधी के एक टैक्स रेट के वादे के बाद, क्या जीएसटी बनेगा बड़ा चुनावी मुद्दा?