CREDAI Report: रियल एस्टेट सेक्टर के लिए साल 2023 शानदार रहा था. फिलहाल रियल एस्टेट सेक्टर 24 लाख करोड़ रुपये (300 बिलियन डॉलर) का हो चुका है. अगले 10 सालों में यह तेजी से उड़ान भरेगा और 1.3 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लेगा. आजादी के 100वें वर्ष में रियल एस्टेट सेक्टर के 5.17 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की पूरी उम्मीद है. रियल एस्टेट सेक्टर की संस्था क्रेडाई (CREDAI) ने शनिवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि फिलहाल भारत में इस सेक्टर में रेजिडेंशियल सेगमेंट की 80 फीसदी और कॉमर्शियल सेगमेंट की 20 फीसदी हिस्सेदारी है.


जीडीपी में बढ़ता रहेगा रियल एस्टेट का हिस्सा 


क्रेडाई (Confederation of Real Estate Developers’ Association of India) की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले सालों में भी रियल एस्टेट सेक्टर भारतीय इकोनॉमी में अपना योगदान देता रहेगा. वित्त वर्ष 2034 तक यह अनुमानित जीडीपी का 13.8 फीसदी हो सकता है. यह आंकड़ा 1.3 ट्रिलियन डॉलर होता है. साथ ही आगे भी इसमें उछाल आने की पूरी उम्मीद है और यह 2047 तक जीडीपी का 17.5 फीसदी होकर 5.17 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर सकता है. 


महंगे मकानों की मांग और बढ़ेगी 


रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल यह रेजिडेंशियल सेगमेंट में 61 फीसदी सप्लाई 45 लाख रुपये से ऊपर के मकानों की है. सालाना आधार पर औसत होम एरिया भी 11 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. क्रेडाई ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक घरों की डिमांड भी 7 करोड़ यूनिट पहुंच जाएगी. घरों के खरीदारों की बढ़ती चाहत के चलते 2030 तक 45 लाख रुपये से महंगे मकानों की मांग 87.4 फीसदी हो जाएगी. क्रेडाई के अनुसार, रियल एस्टेट सेक्टर की वृद्धि सीधा भारतीय इकोनॉमी पर असर डालेगी. 


विकसित भारत के लक्ष्य में सेक्टर का विशेष योगदान 


क्रेडाई प्रेसिडेंट बोमन आर ईरानी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए रियल एस्टेट सेक्टर महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा. यह न सिर्फ रोजगार पैदा करने, बल्कि बैंकों के कारोबार के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है. क्रेडाई चेयरमैन मनोज गौर ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने और जीडीपी को बढ़ाने में रियल एस्टेट सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.


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