Foreign Trade Policy Amendment : भारतीय आयातकों (Indian Importers) के लिए अच्छी खबर आ रही है. अब इंटरनेशनल ट्रेड रुपए में किया जा सकेगा. आपको बता दे कि वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने भारतीय करेंसी यानि रुपए (Rupee) में अंतरराष्ट्रीय ट्रेड सेटलमेंट (Trade Settlement) को मंजूरी दी है.


नियमों में किये बदलाव 
वाणिज्य मंत्रालय ने फॉरेन ट्रेड पॉलिसी (Foreign Trade Policy) के अंतर्गत नियमों में बदलाव कर दिए गए हैं. जिसके बाद नए नियम के तहत हर तरह की बिलिंग, पेमेंट और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट सेटलमेंट (Export-Import Settlement) रुपए में होंगे. यह बदलाव रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के सर्कुलर के मुताबिक किए हैं. इस संबंध में DGFT यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरन ट्रेड ने नोटिफिकेशन जारी किया है.


मंत्रालय ने दी मंजूरी 
आपको बता दे कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने 2022 जुलाई महीने में बैंकों से कहा था कि वे निर्यात और आयात सौदे रुपए में करने के लिए इंतजाम करें. RBI ने भारतीय मुद्रा (Indian Currency) के प्रति वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए यह सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था. आरबीआई के इस निर्णय के अनुरूप वाणिज्य मंत्रालय के तहत गठित विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade- डीजीएफटी) ने अब विदेश व्यापार नीति (Foreign Trade Policy- FTP) में एक नया पैराग्राफ जोड़ा है.


खुलवाना होगा वोस्ट्रो अकाउंट
डीजीएफटी (DGFT) ने एक अधिसूचना में जानकारी में कहा कि आरबीआई के 11 जुलाई, 2022 के परिपत्र के अनुरूप पैराग्राफ 2.52 (डी) को अधिसूचित किया गया है जो भारतीय रूपये में आयात-निर्यात सौदों के निपटान, बिल बनाने और भुगतान की अनुमति देता है. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद अब व्यापार सौदों का निपटान भारतीय रुपए में भी किया जा सकता है. इसके लिए भारत में अधिकृत डीलर बैंकों द्वारा विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने जरूरी होंगे.


अब सप्लायर्स को अपने खाते में मिलेंगे पैसे
RBI और वाणिज्य मंत्रालय ने सितंबर में ही देश के प्रमुख बैंकों के शीर्ष प्रबंधन और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों को रुपए में लेनदेन को बढ़ावा देने को कहा था. जिसके बाद अब भारतीय आयातक (Indian Importer) को इसकी मंजूरी मिल गई है. इस व्यवस्था से अपने आयात का भुगतान उन्हें भारतीय रुपए में मिलेगा. इस राशि को लेने के लिए देश के बैंक में विशेष वोस्ट्रो खाता खोलना होगा, जिसमे पैसे जमा होंगे. मालूम हो कि विदेशी आपूर्तिकर्ता (Foreign Suppliers) को सामान या सेवा की आपूर्ति के लिए दिए बिलों के एवज में यह राशि जमा की जाएगी. 


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