China GDP: चीन की अर्थव्यवस्था (China's Economy) को इस तिमाही गहरा झटका लगा है. कोरोना की नई लहर और सप्लाई चेन में आई गिरावट की वजह से सितंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है. जुलाई-सितंबर तिमाही में देश का इकोनॉमिक ग्रोथ रेट (China GDP growth rate) सिर्फ 4.9 फीसदी रहा है. वहीं, अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ  रेट (Growth Rate) 7.9 फीसदी था. बता दें यह सितंबर 2020 के बाद का सबसे कम ग्रोथ रेट आंका गया है. 


महामारी से उबरने वाले देशों में सबसे आगे है चीन
आपको बता दें चीन महामारी के प्रभाव से उबरने वाले सबसे पहले देशों में से एक है. चालू वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों में चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है, लेकिन बिजली संकट, संपत्ति बाजार में गिरावट और कंज्यूमर मांग कमजोर पड़ने की वजह से चीन की इकोनॉमी की रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है. 


दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है चीन
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल है. सितंबर महीने में समाप्त तिमाही में इकोनॉमी का ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी रहा है. वहीं, इससे पिछली तिमाही में देश की जीडीपी 18.3 फीसदी की दर से रही है. सोमवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों से इस बारे में जानकारी मिली है. 


जानें क्या बोले फू लिंगहुई 
इसके अलावा तीसरी तिमाही के आंकड़े जारी करते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने कहा कि चालू साल की पहली तीन तिमाहियों में चीन की आर्थिक वृद्धि दर में उपभोग का हिस्सा 64.8 फीसदी रहा है. फू ने कहा, ‘‘इंटरनेशनल लेवल पर मौजूदा अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं और घरेलू अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार अभी अस्थिर और असंतुलित है.’’


तीसरी तिमाही में कमजोर रहा प्रोडक्शन और बिक्री
आंकड़ों के मुताबिक, पहली तीन तिमाहियों में उपभोक्ता सामान की कुल बिक्री 31,800 अरब युआन या 4,900 अरब डॉलर रही है. वहीं, पहली तीन तिमाहियों में चीन का औद्योगिक उत्पादन 11.8 फीसदी बढ़ा है. तीसरी तिमाही के दौरान कारखाना उत्पादन, खुदरा बिक्री, निर्माण और अन्य गतिविधियों में निवेश कमजोर पड़ा है.


बिजली कटौती का भी दिखा असर
चीन के निर्माण क्षेत्र में लाखों लोगों को रोजगार मिला. इसके अलावा इस क्षेत्र की वृद्धि काफी धीमी पड़ गई है. पिछले साल नियामकों ने बिल्डरों द्वारा अत्यधिक कर्ज लिए जाने की वजह से क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाया थाय चीन के सबसे बड़े समूहों में से एक एवरग्रैंड बांडधारकों को अरबों डॉलर के भुगतान के लिए संघर्ष कर रहा है. बिजली कटौती की वजह से सितंबर में चीन का विनिर्माण भी प्रभावित हुआ है.


कैसा रहा देश का इंडस्ट्रियल आउटपुट?
अगर इकोनॉमी के दूसरे पहलू की बात की जाए तो सितंबर में चीन का इंडस्ट्रियल आउटपुट सालाना आधार पर 3.1 फीसदी की दर से बढ़ा है. उम्मीद के मुकाबले देखा जाए तो यह आंकड़ा कम है. वहीं, अगस्त महीने में इंडस्ट्रियल आउटपुट 5.3 फीसदी रहा था. इसके अलावा रिटेल सेल्स में करीब 4.4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी जोकि अगस्त महीने में सिर्फ 2.5 फीसदी पर कायम थी. 


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