China Real Estate Crisis: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद से चीन की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर चीन में कोरोना अपने पैर पसारने को तैयार है. इसका सीधा असर चीन के प्रॉपर्टी मार्केट पर पड़ रहा है, जिसमें काफी गिरावट देखी जा रही है. ग्लोबल निवेशक अब धीरे-धीरे चीन से अपना निवेश वापस ले रहे हैं, और भारत के रियल एस्टेट सेक्टर (India Real Estate Sector) में बड़ा निवेश करने के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं. 


चीन के प्रॉपर्टी मार्केट में गिरावट 


कोरोना काल से पहले से ही चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में गिरावट देखी जा रही थी, और कोरोना महामारी ने उसे पूरी तरह ही ख़त्म कर दिया. चीन का प्रॉपर्टी कारोबार ठप होने की कगार पर है. ग्लोबल निवेशक चीन छोड़कर भारत की ओर रुख कर रहे हैं. 


डेढ़ साल से चल रही हैं गिरावट


चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, चीन में नए घर की कीमतें 7 सालों में सबसे तेज दर से नीचे गिरी हैं. जबकि फ्लोर एरिया के आधार पर अक्टूबर में लगातार 15वें महीने भी गिरावट देखी है. अक्टूबर माह तक के लिए अचल संपत्ति के विकास में निवेश पिछले वर्ष इस समय की तुलना में 8.8 प्रतिशत तक गिर गया, कमर्शियल फ्लोर स्पेस में जहां 22.3 प्रतिशत की गिरावट आई है. वहीं कमर्शियल बिल्डिंग से राजस्व में 26.1 प्रतिशत की गिरावट देखी है.


भारत में निवेश की जुगाड़ में कंपनी 


भारत में प्रॉपर्टी प्राइस इंडेक्स (Property Price Index) पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ता जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा प्रकाशित अखिल भारतीय हाउस प्राइस इंडेक्स (All India House Price Index) जून माह में समाप्त तिमाही के लिए 3.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ा जो पिछली तिमाही की तुलना में 1.8 प्रतिशत से अधिक है. भारत में इन्वेस्टमेंट के लिए सिंगापुर की कैपिटललैंड इन्वेस्टमेंट (Capitaland Investment-CLI) जैसी रियल एस्टेट फर्म निवेश करना चाहती हैं. इस कंपनी की चीन में एक तिहाई संपत्ति शामिल है. अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की कोशिश में है. सीएलआई की ओर से वियतनाम और भारत को भविष्य के निवेश के अवसर तलाश रहे हैं.


यह भी पढ़ेंः Sovereign Funds: अमेरिका के बाद सॉवरेन वेल्थ और पेंशन फंड में निवेश के लिए पसंदीदा बाजार बना भारत