China Buying Gold: चीन का सेंट्रल बैंक अंधाधुंध सोना खरीद रहा है. अगस्त में लगातार सातवें महीने से The People’s Bank of China सोना खरीद रहा है. डॉलर के तर्ज पर, चीन का गोल्ड रिजर्व 253.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यह देश के कुल रिजर्व का 7.6 परसेंट है. इस साल अब तक चीन के सेंट्रल बैंक ने 21 टन तक गोल्ड की खरीदारी की है. साल 2024 में चीन ने 44 टन और 2023 में 225 टन सोने की खरीद की थी. चीन का मकसद अपने गोल्ड रिजर्व को 5,000 टन तक पहुंचाना है. 

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सबसे बड़ी इकोनॉमी बनना चीन का टारगेट 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर चीन को दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बनना है, तो उसका गोल्ड रिजर्व 8,000 टन से ज्यादा होना चाहिए. फिलहाल, चीन अपने टारगेट से काफी दूर है. मौजूदा समय में आधिकारिक तौर पर चीन के पास 2,300.4 गोल्ड है.

इससे पहले साल 2009 में चाइना गोल्ड एसोसिएशन के डिप्टी सेक्रेट्री जनरल होऊ हुइमिन ने कहा था कि चीन के पास कम से कम 5,000 टन सोना तो होना ही चाहिए. इस मुकाम तक पहुंचने के बाद चीन अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा सोना अपने पास रखने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा. बता दें कि अमेरिका के पास इस वक्त 8,133.5 टन सोना है और वह दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है. 

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किस देश के पास कितना है सोना? 

बीते लगभग 25 सालों से अमेरिका का गोल्ड रिजर्व दुनिया में सबसे ज्यादा बना हुआ है. इसके बाद दूसरे नंबर पर 3,350 टन (टोटल रिजर्व का 78 परसेंट हिस्सा) सोने के साथ जर्मनी दूसरे नंबर पर है. 2,452 टन सोने (75 परसेंट) के साथ इटली तीसरे, 2,330 टन सोने के साथ रूस चौथे नंबर पर है. इसके बाद चीन का नंबर आता है.

चीन के बाद स्विट्जरलैंड का नंबर आता है, जिसके पास 1,040 टन सोना है. यह यहां के कुल रिजर्व का 11 परसेंट हिस्सा है. स्विट्जरलैंड के ठीक बाद भारत का नंबर आता है. भारत के पास इस वक्त 880 टन सोना है, जो कुल रिजर्व का 13 परसेंट है. इसके बाद 846 टन के साथ जापान, 637 टन के साथ तुर्की, 613 टन के साथ नीदरलैंड और 515 टन के साथ पोलैंड का नंबर आता है.  

 

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