Californium Metal: आमतौर पर हमें सोने-चांदी, हीरा, प्लैटिनम, कॉपर, जिंक, आयरन जैसे मेटल की ही जानकारी होती है, लेकिन इनसे भी अलग धरती में ऐसी कई सारी चीजें हैं, जिनसे हम अनजान हैं.आज हम आपको एक ऐसे ही मेटल की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसकी 1 ग्राम की कीमत में 200 किलोग्राम तक का सोना आ सकता है. यहां कैलिफोर्नियम (Californium) की बात की जा रही है.

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कैसे बनता है कैलिफोर्नियम? 

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह प्राकृतिक रूप से नहीं बनता है, बल्कि इसे लैब में तैयार किया जाता है. पहली बार अमेरिका के कैलिफोर्निया में सन 1950 में सिंनेथाइज किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के दौरान उस दौरान कैलिफोर्निया में लॉरेंस बर्कले नाम की एक नेशनल लेबोरेटरी में क्यूरियम और अल्फा पार्टिकल्स के साथ बमबार्डिंग करके बनाया गया था. यह एक रेडियोएक्टिव सब्सटेंस है. इसका रंग काफी हद तक चांदी के जैसे होता है. कैलिफोर्नियम की कीमत 27 मिलियन डॉलर प्रति ग्राम से भी अधिक है. दुनिया भर में इसके सप्लायरों की संख्या काफी कम है. 

किस काम में होता है इस्तेमाल? 

कैलिफोर्नियम का इस्तेमाल परमाणु रिएक्टरों में होता है इसलिए न्यूक्लियर इंडस्ट्री में यह एक बहुत जरूरी कॉम्पोनेंट में से एक है. छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों से लेकर पोर्टेबल मेटल डिटेक्‍टर्स, मेडिकल ट्रीटमेंट, स्पेस इंडस्ट्री में भी इसका इस्तेमाल होता है. कैलिफोर्नियम न्यूट्रॉन थेरेपी के जरिए कैंसर के ट्रीटमेंट में भी मदद करता है. इसके अलावा, सोने और चांदी की खदानों की पहचान में भी इसकी भूमिका अहम है. साथ ही तेल के कुओं में पानी और तेल की परतों का पता लगाने में भी इसका इस्तेमाल होता है.  

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कितनी है कीमत? 

एक ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 27 मिलियन डॉलर या 239 करोड़ प्रति किलोग्राम है, जबकि सोने की कीमत लगभग 1.2 करोड़ प्रति किलोग्राम है इसलिए, एक ग्राम कैलिफोर्नियम से 200 किलोग्राम सोना खरीदा जा सकता है.

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