Cabinet Decision: केंद सरकार की कैबिनेट ने आज साइप्रस की कंपनी सुवेन फार्मास्युटिकल्स में 9,589 करोड़ रुपये तक के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी है. कंपनी इस रकम का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंशन पर करेगी जिससे देश में नौकरियों के नए अवसर बनेंगे. सुवेन लाइफसाइंसेज साइप्रस की बेरहायन्दा लिमिटेड के अंतर्गत आने वाली कंपनी है. फार्मा सेक्टर में कुल फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट पिछले पांच साल (2018-19 से 2022-23) के दौरान 43,713 करोड़ रुपये का रहा है. पिछले वित्त वर्ष में फार्मास्यूटिकल सेक्टर के एफडीआई में 58 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी.
आधिकारिक कैबिनेट ब्रीफिंग में दी गई जानकारी
कैबिनेट कमिटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में इस बात की जानकारी दी गई. इसमें कहा गया है कि यह मंजूरी मैंडेटरी ओपन ऑफर के जरिए मौजूदा प्रमोटर्स, शेयरहोल्डर्स और पब्लिक शेयरहोल्डर्स से शेयरों के ट्रांसफर के जरिए सुवेन फार्मास्युटिकल्स के 76.1 फीसदी स्टॉक्स के अधिग्रहण के लिये है.
सुवेन में कुल विदेशी निवेश 90.1 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है
कैबिनेट ब्रीफिंग के दिए गए बयान के मुताबिक सुवेन में कुल विदेशी निवेश 90.1 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. बयान के मुताबिक इस सिफारिश किए गए एफडीआई का लक्ष्य नई नौकरियां पैदा करना, प्लांट और इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश के जरिए भारतीय कंपनी की क्षमता का विस्तार करना है.
सुवेन फार्मास्युटिकल्स की बेरहायन्दा लिमिटेड में सारा निवेश एडवेंट फंड्स के पास
बयान के मुताबिक बेरहायन्दा लिमिटेड में सारा निवेश एडवेंट फंड्स के पास है, जो कई अलग-अलग लिमिटेड पार्टनर्स (एलपी) से निवेश इकट्ठा करता है. वहीं एडवेंट फंड्स का मैनेजमेंट अमेरिका में निगमित इकाई एडवेंट इंटरनेशनल कॉरपोरेशन द्वारा किया जाता है. 1984 में स्थापित एडवेंट इंटरनेशनल कॉरपोरेशन ने 42 देशों में लगभग 75 अरब डॉलर का निवेश किया है.
एडवेंट इंडिया ने 2007 में भारत में निवेश शुरू किया और यह अब तक हेल्थ केयर, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरि्ंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और आईटी सर्विस सेक्टर की 20 भारतीय कंपनियों में लगभग 34,000 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है.
संबंधित एजेंसिया कर चुकी हैं प्रपोजल का आकलन
इस प्रपोजल का आकलन सेबी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई), कॉम्पटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) और अन्य संबंधित एजेंसिया कर चुकी हैं. प्रस्ताव में कहा गया है कि संबंधित विभागों, आरबीआई और सेबी की तरफ से प्रस्ताव की जांच के बाद मंजूरी दी गई है. यह इस संबंध में लागू सभी नियमों के पूरा होने पर निर्भर है.
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