Indian Startups: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की देश की स्टार्टअप इंडस्ट्री पर आई तीखी प्रतिक्रिया के बाद अब कई स्टार्टअप फाउंडर्स और बिजनेस लीडर्स इस पर अपना रिएक्शन दे रहे हैं. दरअसल, गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ में हिस्सा लेते हुए पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स की चीन के स्टार्टअप सिस्टम से तुलना करते हुए कहा था कि चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर तेजी से काम हो रहा है, जबकि भारत में सिर्फ डिलीवरी ऐप्स बनाए जा रहे हैं, जो लोगों तक सामान पहुंचा रहे हैं. 

पीयूष गोयल ने कहा, ''क्या हमें सिर्फ आइसक्रीम और चिप्स ही बनानी है? दुकानदारी ही करनी है? क्या हमें टेक्नोलॉजी में गहरे इनोवेशन और लॉन्ग टर्म प्रोग्रेस के बजाय सिर्फ गिग जॉब्स क्रिएट करने तक ही सीमित रहना?'' आइए देखते हैं कि इस पर इंडस्ट्री लीडर्स ने क्या है? 

Zepto के फाउंडर आदित पलिचा ने इस पर कहा, ''भारत में कन्ज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप की आलोचना करना आसान है, खासकर जब आप इसकी तुलना अमेरिका/चीन में तैयार हो रहे गहरे टेक्नीकल एक्सीलेंस से करते हैं. हकीकत यह है कि- आज लगभग 1.5 लाख लोग जेप्टो से अपनी आजीविका कमा रहे हैं.'' पलिचा ने यह भी कहा, ''जेप्टो हर साल सरकार को 1,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा टैक्स देता है. जेप्टो एक अरब डॉलर से ज्यादा का फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट लेकर आया है, भारत के सप्लाई चेन में सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश किया है, खासकर ताजे फलों और सब्जियों के लिए. अगर ये इंडियन इनोवेशन में कोई चमत्कार नहीं है, तो मुझे नहीं पता कि फिर क्या है?'' 

BharatPe के को-फाउंडर रह चुके अशनीर ग्रोवर ने भी भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की आलोचना करने के लिए पीयूष गोयल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''भारत में सिर्फ राजनेता ही हैं, जिन्हें 'रियल्टी चेक' की जरूरत है. देश के बाकी सभी लोग वास्तविकता में जी रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ''चीन ने भी पहले फूड डिलीवरी से ही शुरुआत की थी और फिर बाद में टेक्नोलॉजी की दिशा में आगे बढ़ा. उन्होंने जो किया है उसकी आकांक्षा रखना अच्छी बात है- शायद अब वक्त आ गया है कि आज के जॉब क्रिएटर्स को भला-बुरा कहने से पहले राजनेताओं को 20 सालों में 10 परसेंट से अधिक की इकोनॉमिक ग्रोथ की आकांक्षा रखनी चाहिए.'' 

इंफोसिस के पूर्व सीएफओ और निवेशक मोहनदास पई ने कहा कि चीन के साथ बराबरी करना बिल्कुल भी सही नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत में भी कई सारे दूसरे एरिया में भी स्टार्टअप्स हैं, लेकिन छोटे पैमाने पर हैं. उन्होंने कहा कि हमारे स्टार्टअप्स को कमतर नहीं आंकना चाहिए, बल्कि खुद से पूछना चाहिए कि उन्होंने हमारे मंत्री के रूप में भारत में डीप टेक स्टार्टअप को बढ़ने में मदद करने के लिए क्या किया है?

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