नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शीघ्र ही नई शिक्षा नीति लेकर आएगी. उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में दो लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं. सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक्सटर्नल कमर्शियल बोर्रोविंग और विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. साथ ही राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव लाया जा रहा है. वहीं टॉप 100 यूनिवर्सिटीज पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करें, इसकी भी योजना तैयार हो रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार का प्रस्ताव मेडिकल कॉलेजों को जिला अस्पतालों के साथ पीपीपी (सार्वजनिक निजी साझेदारी) मॉडल पर जोड़ने का भी है जिससे डॉक्टरों की कमी दूर हो सके. वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षकों, नर्सों और सेवा देने वालों के लिए विशेष शिक्षण पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे. स्वच्छ भारत के लिए 2020-21 में 12,300 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. साथ ही सरकार घरों तक पाइप के माध्यम से जल आपूर्ति के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपये आवंटित कर रही है.

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