नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश कर रही हैं. बजट पेश करते हुए उन्होंने एक शेर पढ़ा, "यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है." ये शेर मशहूर शायर मंजूर हाशमी ने लिखा है.


लोकसभा और राज्यसभा में शेर-शायरी और कविता पढ़ने का सिलसिला काफी पुराना रहा है. निर्मला सीतारमण की तरह ही कभी बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने एक बार बजट पेश करते हुए रज़ा हमदानी का शेर पढ़ते हुए कहा था, "भँवर से लड़ो तुंद लहरों से उलझो, कहाँ तक चलोगे किनारे किनारे."


मोदी सरकार एक में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार संसद में शेर और कविता पढ़ चुके हैं. कुछ वक्त पहले टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने संसद में मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए एक भाषण दिया था, अपने इस भाषण में उन्होंने राहत इंदौरी से लेकर दिनकर तक कविताओं और शेर का सहारा लिया था.


बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश कर दिया है. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार का लक्ष्य, मजबूत देश और मजबूत नागरिक बनाना है और सरकार की सारी नीतियां इसी ओर काम कर रही हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में हमें 55 साल लग गए लेकिन हम इसी साल 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाएंगे. मोदी सरकार ने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उन पर सरकार तेजी से काम कर रही हैं.


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