नई दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए इस बार 29,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 17 फीसदी अधिक है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में सामाजिक क्षेत्र को काफी तवज्जो दी गई है.


महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए इस बार 29,164.90 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है. इसमें से 19,834.37 करोड़ रुपये आंगनवाड़ी सेवाओं के लिए है. इसके पहले के वित्त वर्ष में मंत्रालय के लिए 24,758.37 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.


महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा कि बजट में इस बढ़ोतरी से महिला विकास के मिशन को मजबूती मिलेगी. इस वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के लिए 280 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.


शिक्षा क्षेत्र को भी इस बजट से उम्मीदें थीं. केंद्र ने शुक्रवार को घोषित किए गए बजट में वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 94,853.64 करोड़ रुपये दिए है जो वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित अनुमान से 13 प्रतिशत अधिक है. पिछले बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 85,010 करोड़ रुपये आवंटित किए थे जिसे बाद में 83,625.86 करोड़ रुपये कर दिया गया.


हालांकि, उच्च शिक्षा के लिए अलग से 38,317.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि स्कूली शिक्षा के लिए 56,536.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को 2018-19 में दिए बजट के मुकाबले इस बार कम राशि आवंटित की गई है. यूजीसी को कुल 4,600.66 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि 2018-19 में 4,687.23 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.