Budget 2024: विनिवेश का टारगेट पूरा नहीं कर पाने को लेकर सरकार ने सफाई दी है. दीपम (Department of Investment and Public Asset Management) सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा कि विनिवेश करने से पहले सरकार का लक्ष्य सरकारी कंपनियों की वैल्यू अनलॉकिंग है. उन्होंने बताया कि तीन साल वित्त वर्ष 2020-21 में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड पब्लिक सेक्टर कंपनियां और पब्लिक सेक्टर बैंकों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 15 लाख करोड़ रुपये था जो आज वो बढ़कर 58 लाख करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने बताया कि केवल साल में सरकार कंपनियों के वैल्यू में 25 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. 


3 साल में 42 लाख करोड़ बढ़ गया वैल्यू 


बजट बाद प्रेस कॉंफ्रेंस में वित्त मंत्री से विनिवेश टारगेट पूरा नहीं कर पाने को लेकर सवाल पूछा गया था. इस सवाल के जवाब में दीपम सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा विनिवेश करने से पहले सरकार का लक्ष्य सरकारी कंपनियों की वैल्यू अनलॉकिंग करना है. उन्होंने बताया कि स्टॉक एक्सचेंज पर कुल 61 पीएसयू कंपनियां और 16 पब्लिक सेक्टर्स बैंक लिस्टेड हैं. 2020-21 में इन कंपनियां का स्टॉक मार्केट में वैल्यूएशन केवल 15 लाख करोड़ रुपये हुआ करता था जो बढ़कर 58 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इन कंपनियों के मार्केट वैल्यू में 42 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. वहीं एक साल में 25 लाख करोड़ रुपये सरकारी कंपनियों का वैल्यू बढ़ा है.  तुहिन कांता पांडेय ने कहा सरकारी कंपनियों के वैल्यू बढ़ने के चलते सरकार ने सभी छोटे निवेशकों के साथ संपत्ति को साझा किया है. उन्होंने कहा कि विनिवेश करने से पहले सरकार का सिद्धांत वैल्यू अनलॉकिंग है. 


सस्ते दाम पर नहीं शेयर बेचेगी सरकार 


तुहिन कांता पांडेय ने कहा 2014 के बाद सरकार ने 4.2 लाख करोड़ रुपये विनिवेश से जुटाये हैं तो सरकारी कंपनियों से 4 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड हासिल किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी कंपनी के विनिवेश से पहले उसका वैल्यू बढ़ाना होगा जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से विनिवेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम किसी भी दाम पर सरकारी कंपनियों के शेयर बेंचेगे.   


विनिवेश का सरकार ने नहीं दिया टारगेट 


दरअसल मोदी सरकार बजट में जो विनिवेश का लक्ष्य तय कर रही है उसे पूरा करने में नाकाम रह जा रही है. 2023-24 में सरकार ने विनिवेश के जरिए 51000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था जिसे रिवाइज्ड एस्टीमेट में घटाकर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है. ये तब है शेयर बाजार में सरकारी कंपनियों के स्टॉक्स बुलंदियां छू रही है. इसके बावजूद विनिवेश का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाने के सरकार नाकाम साबित हुई है. तुहिन कांता पांडेय ने कहा कि इसलिए सरकार ने विनिवेश करने का कोई टारगेट सेट नहीं किया है. 


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