वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को बहुप्रतीक्षित बजट पेश कर दिया. उन्होंने लोकसभा में अपने संबोधन में बताया कि इस साल के बजट में रेवेन्यू एक्सपेंडिचर 47.66 लाख करोड़ रुपये है. यह पिछले साल के बजट के कुल साइज से ज्यादा है. कमाई के मोर्चे पर निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार को टैक्स से 26.02 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि बीते 10 सालों में टैक्स से सरकार की कमाई डबल से भी ज्यादा हो गई है. वहीं सरकार की ग्रॉस मार्केट बॉरोइंग 14.1 लाख करोड़ रुपये रह सकती है. अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 फीसदी के बराबर रह सकता है.


2047 तक विकसित बनेगा भारत


अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने बीते 10 सालों में अच्छा प्रदर्शन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश ने कई चुनौतियों को पार किया है, कई संरचनात्मक सुधार किए गए हैं और देश को नई दशा व दिशा मिली है. सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के दर्शन पर काम करते हुए हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों की समृद्धि पर काम किया है. उन्होंने कहा कि अब हम 2047 तक देश को विकसित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. अब भारत उज्ज्वल भविष्य की ओर देख रहा है.


एक्सपर्ट की राय- सुधरेगी गुणवत्ता


इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने अंतरिम बजट के बारे में कहा कि सरकार के खर्च की गुणवत्ता उम्मीद से बेहतर रहने वाली है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 9.5 लाख करोड़ रुपये और अगले वित्त वर्ष के लिए 10.2 लाख करोड़ रुपये के अनुमान के बजाय 11.1 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च का प्रावधान किया गया है. इससे कैपिटल एक्सपेंडिचर की क्वालिटी बेहतर होगी. तेजी से फिस्कल कॉन्सोलिडेशन और बॉरोइंग में कमी से आने वाले साल में यील्ड में कमी आएगी. जैसे-जैसे समय बीत रहा है, रेवेन्यू और कैपिटल रिसीट के अनुमान ज्यादा भरोसेमंद नजर आ रहे हैं.


इतना बड़ा था पिछले साल का बजट


मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट 45 लाख करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा था. 2023 में पेश हुए बजट का साइज 45,03,097 करोड़ रुपये रहा था. पिछले साल के बजट में रेवेन्यू एक्सपेंडिचर 35 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था. पिछले साल के पूरे बजट का साइज वित्त वर्ष 2022-23 के रिवाइज्ड एस्टिमेट की तुलना में 7.5 फीसदी ज्यादा था. कर्ज से इतर सरकार की राजस्व प्राप्तियां 27.2 लाख करोड़ रुपये रही थीं, जिनमें से 23.3 लाख करोड़ रुपये का राजस्व विभिन्न करों से प्राप्त हुआ था.


पिछले साल इन्हें मिला था सबसे ज्यादा हिस्सा


पिछले साल के बजट में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे को 2,70,435 करोड़ रुपये का आवंटन मिला था. यह रिवाइज्ड एस्टिमेट की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा था. पिछली बार रक्षा बजट का साइज 5.93 लाख करोड़ रुपये था. वहीं रेलवे के हिस्से में 2.40 लाख करोड़ रुपये आए थे. सरकार ने शिक्षा बजट को 1.13 लाख करोड़ रुपये और हेल्थ बजट को करीब 89 हजार करोड़ रुपये का आवंटन दिया था.


ये भी पढ़ें: पहले से कई नायाब रिकॉर्ड, अब ये नया इतिहास रचने वाली हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण