बजट को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुकता आम टैक्स-पेयर्स को रहती है. हर वित्त वर्ष का बजट जब पेश करने से पहले इनकम टैक्स में छूट की मांग तेज हो जाती है. उद्योग जगत टैक्स छूट और सहूलियत हासिल करने के लिए लॉबिइंग शुरू कर देता है. वहीं मीडिल क्लास टैक्सपेयर्स का भी सरकार पर टैक्स में छूट देने के लिए दबाव बढ़ने लगता है. वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में इनकम टैक्स के स्लैब को बढ़ाने और छूट की मांग तेज हो जाती. इस बार फिर यह मांग तेज हो गई है. लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार इस बार टैक्स स्लैब को बढ़ाएगी या फिर टैक्स में छूट देगी.


कोरोना से चरमराई अर्थव्यवस्था में छूट की कितनी उम्मीद? 


कोरोना संक्रमण की वजह से अर्थव्यवस्था पर काफी काफी बुरा असर पड़ा है. डायरेक्ट और इन डायरेक्ट टैक्स से होने वाली सरकार की आय में कमी आई है. ऐसे में क्या सरकार के लिए टैक्स में छूट देना संभव होगा. हालांकि ऐसी खबरें हैं कि वित्त मंत्रालय सेक्शन 80 C के तहत छूट की सीमा को बढ़ाने की मांग पर विचार कर रहा है.


बढ़ सकती है 80C के तहत मिलने वाली छूट 


सरकार 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली छूट को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर सकती है. सरकार बजट में बजट में होम लोन के ब्याज और मूल धन दोनों के भुगतान पर टैक्स डिडक्शन की सीमा भी बढ़ा सकती है. मौजूदा टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 से 5 लाख रुपये के बीच के इनकम टैक्स पर पांच फीसदी, 5 से 10 लाख रुपये के लिए 20 फीसदी और दस लाख रुपये से अधिक के इनकम वालों पर 30 फीसदी का टैक्स है.


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