Brokerage Industry Revenue: चालू वित्त वर्ष में 30 प्रतिशत से अधिक राजस्व वृद्धि हासिल करने वाले ब्रोकरेज उद्योग के अगले वित्त वर्ष में थोड़ा सुस्त रफ्तार से बढ़ने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक परिदृश्य स्थिर होने के अनुमान के बावजूद ब्रोकरेज उद्योग की वृद्धि नरम रह सकती है. वित्त वर्ष 2021-22 में इसकी राजस्व वृद्धि 30 प्रतिशत बढ़कर करीब 28,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.


शेयर मार्केट में दिखी थी तेजी
कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद के शुरुआती महीनों को छोड़कर जून 2020 से ही शेयर बाजार में तीव्र वृद्धि देखने को मिली है. इस दौरान बाजार में नए निवेशक भी खूब आए हैं और अप्रैल 2020 के बाद डीमैट खातों की संख्या दोगुनी हो चुकी है. मार्च 2020 में डीमैट खातों की संख्या 4.08 करोड़ थी और दिसंबर 2021 में यह संख्या बढ़कर 8.06 करोड़ हो गई.


डीमैट खातों में हुआ इजाफा
इक्रा की रिपोर्ट कहती है कि डीमैट खातों में दर्ज की गई इस जबरदस्त वृद्धि को देखते हुए वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक इस संख्या में 28.33 लाख की बढ़ोतरी हो जाने का अनुमान है.


रिकॉर्ड पर पहुंचेगा ब्रोकरेज उद्योग का प्रदर्शन
खुदरा निवेशकों और तरलता की अनुकूल स्थिति को देखते हुए इस वित्त वर्ष में ब्रोकरेज उद्योग का प्रदर्शन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में इस उद्योग का राजस्व 28-33 प्रतिशत बढ़कर 28,000 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए इक्रा ने ब्रोकरेज उद्योग की वृद्धि दर 5-7 प्रतिशत ही रहने का अनुमान जताया है.


प्रदर्शन पर आधारित है रिपोर्ट
उद्योग के लिए स्थिर परिदृश्य रहने की संभावना के बावजूद अगले वित्त वर्ष में इसका राजस्व 29,000 करोड़ रुपये पर सीमित रह सकता है. यह रिपोर्ट 18 ब्रोकरेज फर्मों के प्रदर्शन पर आधारित है. इन फर्मों ने करीब 38 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की है.


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