Work Life Balance: हर जगह नियमों को कंपनी और कर्मचारियों की सुविधा के लिए बनाया जाता है, मगर क्या हो जब यही नियम और कायदे सीमाएं पार करके आपके गले की फांस बन जाएं. कुछ ऐसा ही हुआ इस महिला के साथ, जिसे उसके बॉस ने बाथरूम जाने पर सिक लीव लेने को कह दिया. महिला कर्मचारी ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयां किया, जिसके बाद कमेंट्स की बाढ़ आ गई. 


नाजायज डिमांड करने वाले बॉस की निंदा


इस महिला कर्मचारी ने हाल ही में इस किस्से को रेडिट (Reddit) पर शेयर किया. उसने लिखा कि मैंने अपने काम के कारण कई बार लंच तक नहीं किया और तय घंटों से भी ज्यादा काम किया. मगर, मुझे सिर्फ वाशरूम में 8 मिनट बिताने के बाद ऐसा मैसेज आया कि या तो सिक लीव ले लो या फिर तुरंत काम पर लौटो. इसके बाद कई लोग इस महिला कर्मचारी के समर्थन में आ गए और नाजायज डिमांड करने वाले ऐसे बॉस की निंदा करने लगे. 


सिर्फ 8 मिनट ऑफलाइन होने पर आ गया वॉइसमेल 


उसने रेडिट पर लिखा कि मुझे सिर्फ 8 मिनट हुए थे कि बॉस का वॉइसमेल आ गया. उसने कहा कि तुरंत ऑनलाइन आओ या फिर छुट्टी डाल दो. मैं सिर्फ आठ मिनट के लिए ऑफलाइन हुई थी और वो मुझे सिक लीव लेने को बोल रहे हैं. मैंने पूरी मेहनत से काम किया है. कई बार बिना ब्रेक लिए और शिफ्ट खत्म होने के बाद भी काम किया है. मगर, फिर भी मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया गया. 


अब योग्यता के हिसाब से दूसरी नौकरी तलाशेगी युवती


उसने आगे लिखा कि शुरुआत में वह इस बर्ताव को बर्दाश्त करना चाहती थी, मगर अब वह अपनी योग्यता के हिसाब से कोई दूसरी नौकरी तलाशेगी. रिटेल सेक्टर में काम करके थक चुकी है. यहां कस्टमर बुरा बर्ताव करते हैं. आपके सीनियर गलत भाषा का इस्तेमाल करते हैं. आपकी शिफ्ट कभी भी बदल दी जाती है. योग्यता के बिना भी काम पकड़ा दिया जाता है और मैकडोनाल्ड से भी कम वेतन मिलती है. उसने लिखा कि जब उसने पहली बार कंपनी ज्वाइन की थी, तब से अब तक माहौल बहुत गिर चुका है. 


लोगों ने दिए अलग-अलग सुझाव 


जैसे ही यह पोस्ट सामने आई लोगों ने उसे सहानभूति दिखते हुए अलग-अलग सुझाव दिए. सभी ने एक सुर में बॉस के इस बर्ताव को निंदनीय बताया. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. एक अन्य ने युवती को सलाह दी कि युवती को बिना डर के अपने सारे कानूनी ब्रेक लेने चाहि. एक ने मजाकिया लहजे में लिखा कि जल्द ही कंपनी बाथरूम पॉलिसी भी लेकर आएगी. एक ने लिखा कि पिछले 10 साल में हर सेक्टर में परिस्थितियां बदतर हो गई हैं. यही आज की सच्चाई है. 


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