क्रिप्टोकरेंसी के संसार के लिए नया साल शानदार साबित हो रहा है. सबसे प्रमुख टोकन बिटकॉइन की ऐतिहासिक रैली के दम पर ओवरऑल क्रिप्टो वर्ल्ड में गतिविधियां तेज हो चुकी हैं. अगुवाई कर रही क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को इसमें सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है और इस टोकन के नाम नए-नए रिकॉर्ड दर्ज होते जा रहे हैं.


8वीं सबसे वैल्यूएबल एसेट


बिटकॉइन के नाम पहले ही नया ऐतिहासिक उच्च स्तर दर्ज हो चुका है. इस जबरदस्त रैली के दम पर बिटकॉइन के प्रति निवेशकों का आकर्षण फिर से नए शिखर पर है. भाव में तेजी और लगातार मिल रहे निवेश के कारण अब बिटकॉइन ने कीमती धातुओं को पीछे करना शुरू कर दिया है. बिटकॉइन चांदी को पीछे छोड़कर अभी वैश्विक बाजार की 8वीं सबसे वैल्यूएबल एसेट बन चुकी है.


60 लाख के पार निकल चुका भाव


अभी बिटकॉइन के एक टोकन यानी एक यूनिट की वैल्यू 72,160 डॉलर है. एक दिन पहले 12 मार्च के कारोबार में बिटकॉइन की कीमत 72,850 डॉलर तक जा चुकी है, जो अब उसका नया ऐतिहासिक उच्च स्तर है. भारतीय करेंसी में बात करें तो बिटकॉइन का भाव 60 लाख रुपये प्रति यूनिट के स्तर को भी पार कर चुका है. हालिया रैली से पहले कभी भी बिटकॉइन की कीमत 70 हजार डॉलर को पार नहीं कर पाई थी.


इतना हो गया बिटकॉइन का एमकैप


इस रैली के बाद बिटकॉइन का मार्केट कैप अभी 1.414 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं कीमती धातुओं में एक चांदी का मार्केट कैप अभी 1.38 ट्रिलियन डॉलर है. इस तरह बिटकॉइन ने चांदी को पीछे छोड़ दिया है और दुनिया के सबसे बहुमूल्य एसेट क्लास के मामले में अब आठवें स्थान पर काबिज है. 14.7 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ सोना सबसे ज्यादा वैल्यू वाले एसेट क्लास में से एक है.


बस दो कदम दूर गूगल की पैरेंट कंपनी


इस रैली में बिटकॉइन ने कई दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ा है. फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा भी उन दिग्गज कंपनियों में शामिल है, जो बिटकॉइन से पीछे छूट चुकी हैं. मेटा का मौजूदा मार्केट कैप 1.23 ट्रिलियन डॉलर है. जिस तरह से बिटकॉइन का भाव बढ़ रहा है, अगर यही रफ्तार जारी रही तो जल्दी ही गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट भी पीछे छूट सकती है, जिसका मौजूदा मार्केट कैप 1.72 ट्रिलियन डॉलर है.


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