नई दिल्लीः रिलायंस जियो के आने के बाद से टेलीकॉम सेक्टर में जो टैरिफ और डेटा वॉर छिड़ी है, ऐसा लगता है कि उसके निगेटिव नतीजे सामने आने लगे हैं. आज टेलीकॉम सेक्टर की बड़ी कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने 500-600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.


क्यों की कंपनी ने इतनी भारी संख्या में छंटनी?


रिलायंस जियो के आने के बाद से बढ़ती टैरिफ वॉर में टेलीकॉम कंपनियां रोजाना नए सस्ते डेटा और वॉइस प्लान निकाल रही हैं लेकिन इस सेक्टर में बढ़ती प्रतियोगिता के चलते अब कंपनियां आर्थिक संकट में घिरती भी दिख रही हैं. इसके नतीजे के रूप में पहली टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलिसर्विसेज ने अपने 600 एंप्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया. इतनी भारी संख्या में ले-ऑफ करने की प्रक्रिया में कंपनी के सेल्स और दूसरे कार्यक्रमों से जुड़े कर्मचारियों को निकाला है. ये ले-ऑफ देश के कई हिस्सों में हुए हैं. जिन कर्मचारियों को निकाला गया उन्हें हर 1 साल के काम के बदले 1 महीने की सैलरी देकर घर भेज दिया गया. हालांकि टाटा टेली से इसके बारे में संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कंपनी ने इसका जवाब नहीं दिया.


टाटा टेलीसर्विसेज का इतिहास


टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के आंकड़ों के मुताबिक टाटा टेली का मोबाइल सब्सक्राइबर बेस 28 फरवरी 2017 तक 5.12 करोड़ था. देश के कुल 116 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स में से कंपनी का कुल मार्केट शेयर 4.4 फीसदी है. टाटा टेली टाटा समूह के टेलीकॉम कारोबार का हिस्सा है जो टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) के साथ देश के 19 टेलीकॉम सर्किल में कारोबार करती है. कंपनी जीएसएम, सीडीएमए और 3जी प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों को वायरलाइन और वायरलेस नेटवर्क मुहैया कराती है.


टेलीकॉम सेक्टर के जानकारों की राय


बाजार सूत्रों का कहना है कि ये समय वाकई टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए मुश्किल समय है जिसके चलते ज्यादातर कंपनियां अपना स्टाफ और वर्कफोर्स कम कर रही हैं. छोटे-बड़े सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स इस समय मुनाफे और राजस्व के मोर्चे पर भारी दबाव झेल रहे हैं. यहां तक कि टेलीकॉम इंडस्ट्री का कुल कर्ज 4.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.