Import Duty ON EV: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है सरकार का इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का कोई इरादा नहीं है. रॉयटर्स के हवाले से ये खबर सामने आई थी कि भारत सरकार नए इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी तैयार कर रही जिसमें इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंपोर्ट टैक्स में कमी की जा सकती है. 


रिपोर्ट में कहा गया कि एलन मस्क के टेस्ला के प्रस्ताव के बाद ऐसी कंपनियां जो कुछ लोकल मैन्युफैक्चरिंग का भरोसा देंगी उनके लिए सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल के इंपोर्ट पर टैक्स घटाने का फैसला ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक पॉलिसी के तहत ऑटोमोबाइल कंपनियों को केवल 15 फीसदी के इंपोर्टेड टैक्स पर पूरी तरह तैयार इलेक्ट्रिक व्हीकल इंपोर्ट करने की इजाजत दी जाएगी जिसपर अभी 100 फीसदी टैक्स लगता है. मौजूदा समय में 40,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाले इंपोर्टेड गाड़ियों पर 100 फीसदी टैक्स का प्रावधान है उससे कम कीमत वाले पर 70 फीसदी इंपोर्टेड टैक्स लगता है. 


जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे. इस दौरे के दौरान टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. एलन मस्क ने तब कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं टेस्ला भारत में निवेश करे. उन्होंने तब जल्द ही इस बारे मे घोषणा किए जाने के संकेत दिए थे. लेकिन भारत में मैन्युफैक्चरिंग से पहले टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स घटाने की मांग कर रही है. पर वित्त मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय के सामने इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. 


बीते कुछ वर्षों से टेस्ला और भारत सरकार के बीच टेस्ला के निवेश को लेकर बातचीत होती आई है. टेस्ला 2021 से ही भारत में आने की कोशिश में है और वो लगातार सरकार पर इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर ड्यूटी को 100 फीसदी से कम करने की मांग करती आई है. भारत सरकार उसकी मांग को खारिज करती रही है. भारत में फैक्ट्री लगाने से पहले टेस्ला यहां कारों की टेस्टिंग करना चाहती है. लेकिन सरकार टेस्ला को राहत देने के मूड में नहीं है. इससे पहले रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा भी कह चुके हैं कि अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी टेस्ला को टैक्स छूट देने का वित्त मंत्रालय के सामने कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. 


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