शेयर बाजार में पिछले सालों के दौरान लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. इसके साथ ही लोगों का रुख म्यूचुअल फंडों की तरफ भी बढ़ा है. आंकड़े बताते हैं कि बीते कुछ सालों के दौरान मल्टी एसेट एलोकेशन फंड ने लोगों को खासा आकर्षित किया है. अगर हम इन फंडों के ऐतिहासिक रिटर्न के आंकड़े को देखें तो वजह भी साफ हो जाती है.


इस शानदार उदाहरण से समझें


उदाहरण के लिए- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड को देख लीजिए. यह देश के सबसे बड़े मल्टी एसेट एलोकेशन फंडों में से एक है और हाल ही में 21 साल पूर किए हैं. इसने पिछले 21 सालों के दौरान 21 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न दिया है. वैल्यू रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि 30 सितंबर 2023 तक इस स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 24,060.99 करोड़ रुपये था. इसका 57 फीसदी हिस्सा मल्टी एसेट एलोकेशन कैटेगरी में है. यह स्कीम अभी से करीब 21 साल पहले शुरू हुई थी. इसके रिटर्न का कैलकुलेशन देखें तो पजा चलता है कि अगर कोई आदमी 31 अक्टूबर 2002 को 10 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश इस फंड में करता तो 30 सितंबर 2023 तक उसके पास 21 फीसदी सीएजीआर की दर से लगभग 5.49 करोड़ रुपये रहते.


बेंचमार्क से इस तरह बेहतर


आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मल्टी एलोकेशन फंड की इस स्कीम के समान बेंचमार्क में निवेश जैसे कि निफ्टी 200 टीआरआई में 10 लाख रुपये का निवेश लगभग 2.57 करोड़ रुपये हुआ है, जहां सालाना 16 फीसदी का रिटर्न मिला है. आईप्रू सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के प्रदर्शन की बात करें तो 21 साल पहले 10 हजार रुपये के एसआईपी के आधार पर 25.2 लाख रुपये का निवेश अभी बढ़कर 2.1 करोड़ रुपये हो जाता. यानी सालाना 17.5 फीसदी की दर से रिटर्न मिलता. स्कीम के बेंचमार्क में इतने ही निवेश से 13.7 फीसदी की दर से रिटर्न मिल पाता.


आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के मल्टी एलोकेशन फंड ने पिछले साल भर के दौरान भी सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है. आइए देखें कुछ अन्य प्रमुख फंडों के रिटर्न: 



  • UTI Multi Asset Allocation Fund: 18.01%

  • ICICI Prudential Multi-Asset Fund: 18.01%

  • SBI Multi Asset Allocation Fund: 16.17%

  • Nippon India Multi Asset Fund: 14.39%

  • Motilal Oswal Multi Asset Fund: 13.99%


इन कारणों से पसंद कर रहे निवेशक


आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ निमेश शाह कहते हैं कि इस तरह की रणनीति ने मार्केट साइकल में रिस्क को एडजस्ट करते हुए निवेश की सहूलियत दी है. विभिन्न एसेट क्लासों में पोर्टफोलियो को डायवर्स बनाने से अस्थिरता को कम करने में मदद मिलती है. इन्हीं सब कारणों से म्यूचुअल फंड की मल्टी एसेट एलोकेशन में निवेशकों का आकर्षण तेजी से बढ़ा है. निवेशकों को इस बात का अहसास हो गया है कि वे इन फंडों से लंबे समय में वेल्थ क्रिएट कर सकते हैं.


डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.


ये भी पढ़ें: क्या है भारत का डिजिटल रुपया? रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी कैसे करती है काम? जानिए सारे जवाब