Good News for Bengaluru: बेंगलुरु में रहने वाले लोगों और वहां घूमने जाने वाले यात्रियों को रेलवे की ओर से अब एक और सौगात मिली है. दक्षिण पश्चिम रेलवे ने बेंगलुरु की प्रसिद्ध नंदी हिल्स के लिए इलेक्ट्रिक ट्रेन का ऐलान किया है. इस मेमू ट्रेन (Mainline Electric Multiple Unit) से यात्री नंदी हिल्स के सौंदर्य का दर्शन कर सकेंगे. यह ट्रेन देवनहल्ली से चलकर चिकबल्लापुर तक जाएगी.

   


पॉपुलर वीकेंड डेस्टिनेशन है नंदी हिल्स


नंदी हिल्स एक पॉपुलर वीकेंड डेस्टिनेशन है. यह बेंगलुरु से करीब 60 किमी दूर है. यह मेमू ट्रेन 11 दिसंबर से शुरू कर दी गई है. इस ट्रेन का नंबर 06593/06594 होगा. फिलहाल केएसआर बेंगलुरु- कोलार डेमू (Diesel Multiple Unit) नंदी स्टेशन पर ठहरती है. स्टेशन से नंदी हिल्स पर बना प्रसिद्ध मंदिर भोगनन्दीश्वरा सिर्फ 1.4 किमी पर है. नंदी हिल्स के टॉप पर जाने के लिए आपको करीब 18 किमी और जाना होता है. नंदी हिल्स से सूरज को उगता हुआ देखने के लिए रोजाना सैकड़ों लोग वहां पहुंचते हैं. 


क्या होगी टाइमिंग 


मेमू ट्रेन नंदी हिल्स स्टेशन पर सुबह 6.37 बजे पहुंचेगी. इससे पहले रेलवे ने इस 108 साल पुराने हेरिटेज रेल रूट पर एक दिन का टूर पैकेज भी शुरू किया था. इस पैकेज में बेंगलुरु, देवनहल्ली और चिकबल्लापुर घुमाया जाता था. साथ ही देवनहल्ली फोर्ट भी देखने को मिलता था. इसके अलावा चिकबल्लापुर में बनी ईशा फाउंडेशन की आदियोगी प्रतिमा, हेरिटेज स्टेशन के अलावा कई अन्य जगह घुमाया जाता था. 


निजी कंपनी द्वारा बनाई पहली रेलवे लाइन 


देवनहल्ली से चिकबल्लापुर तक बना हुआ रेलवे ट्रैक हेरिटेज लाइन कहा जाता है. इसे निजी सहयोग (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) से बनाई भारत की पहली रेलवे लाइन कहा जाता है. सर एम विश्वेश्वरैया ने इस लाइन को 1915 में बनवाया था. वह उस समय मैसूर राज्य के दीवान थे. सर विश्वेश्वरैया का जन्म चिकबल्लापुर के मुदनहल्ली में ही हुआ था.


समय को लेकर पर्यटकों में नाराजगी  


हालांकि, पर्यटकों ने इस समय पर नाराजगी भी जताई है. लोगों ने कहा कि यदि ट्रेन इतना लेट नंदी हिल्स पहुंचेगी तो पर्यटक वहां से सूरज को उगते हुए नहीं देख पाएंगे. साथ ही लोगों ने इसे बेथलसूर स्टेशन पर भी रोकने की मांग की. 


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