Interest Free Loans: बैंक कर्मचारियों को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों द्वारा कर्मचारियों को दिए जा रहे ब्याज रहित और कम ब्याज वाले लोन को लाभ करार दिया था. साथ ही इसे इनकम टैक्स के दायरे में लाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ेगा. अब इस फैसले के असर से निपटने के लिए बैंक यूनियन कानूनी रास्ते तलाशने में जुट गई है. इस मसले पर रविवार को एक बड़ी मीटिंग आयोजित होने वाली है. 


ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन ने बुलाई बैठक 


ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरशन (AIBOC) ने शुक्रवार को बताया कि यह वर्चुअल बैठक रविवार को आयोजित होने वाली है. यूनियन ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि हम अपने केस को प्रमुखता से उठाने के लिए वकीलों की संख्या भी बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. रविवार को होने वाली बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाकर अपील कर सकते हैं. अभी हम फैसले के हर पहलू पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं. अंतिम फैसले पर पहुंचने के बाद ही इस फैसले पर कोई कमेंट करना सही रहेगा.


बैंक कर्मचारियों के लिए बड़ा वित्तीय बोझ बन जाएगा


बैंक फेडरेशन अभी यह भी पता लगाने में जुटे हैं कि इस फैसले का असर पहले दिए गए लोन पर ही होगा या फिर आगे दिए जाने वाले लोन इस दायरे में आएंगे. यदि इस फैसले को पहले से चल रहे लोन पर लागू किया गया तो यह बैंक कर्मचारियों के लिए बड़ा वित्तीय बोझ बन जाएगा. साथ ही रिटायर हो चुके बैंक कर्मचारियों से रिकवरी भी एक बड़ा मसला बन जाएगा. बैंक कर्मचारियों ने कहा है कि इसी तरह के फायदे इंश्योरेंस कंपनियों और रेलवे समेत अन्य विभागों के एम्प्लॉयीज को भी मिलते हैं. उन पर अभी तक टैक्स नहीं लगाया गया है.


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