Credit Card Fraud Transactions: आज के समय में यूपीआई से लेकर क्रेडिट कार्ड तक डिजिटल ट्रांजेक्शन तेज़ी से बढ़े हैं. बैंकों की ओर से क्रेडिट कार्ड पर समय-समय पर कई प्रकार के ऑफर दिए जाते हैं, लेकिन कई बार क्रेडिट कार्ड धारकों को रिकवरी एजेंटों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायतें भी सामने आती हैं. ऐसा ही एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा, जहां सरवर रज़ा नामक व्यक्ति को बड़ी राहत मिली. उनके क्रेडिट कार्ड से पेटीएम, फ्लिपकार्ट और अन्य प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से 76,777 रुपये के फर्जी ट्रांजेक्शन किए गए थे. रज़ा ने अदालत को बताया कि बैंक को जानकारी देने के बावजूद बैंक ने उन्हें नोटिस भेजा और कलेक्शन एजेंट को उनके घर तक भेज दिया.

Continues below advertisement

कोर्ट से बड़ी राहत

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, रज़ा ने आरबीआई के पास दो बार शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन दोनों बार शिकायत खारिज कर दी गई. पहली शिकायत एडवोकेट के माध्यम से की गई थी, जबकि दूसरी शिकायत इसलिए खारिज हुई क्योंकि उन्होंने बैंक के बजाय सीधे आरबीआई के पास शिकायत की थी. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने रज़ा के पक्ष में फैसला दिया और बैंक को उनके साथ हुई परेशानी की भरपाई के लिए एक लाख रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए.

Continues below advertisement

इसके अलावा, कोर्ट ने आदेश दिया कि क्रेडिट कार्ड से किए गए सभी फर्जी ट्रांजेक्शंस की राशि वापस की जाए और रज़ा का सिबिल स्कोर पूर्व स्थिति में बहाल किया जाए.

क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला यह था कि रज़ा, जो स्वयं दिल्ली में एडवोकेट हैं, को जनवरी 2022 में सिटी बैंक द्वारा क्रेडिट कार्ड जारी किया गया था. 5 अप्रैल 2022 को उनके कार्ड का ऑनलाइन पासवर्ड कई गलत प्रयासों के कारण डिसेबल हो गया. उसी दिन बैंक ने एक दूसरा क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया और पहला कार्ड निष्क्रिय कर दिया. हैरानी की बात यह थी कि धोखाधड़ी करने वालों के अनुरोध पर रज़ा का मोबाइल नंबर भी बदल दिया गया, जबकि रज़ा को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने बताया कि दूसरा क्रेडिट कार्ड उनकी जानकारी के बिना जारी किया गया था.

रज़ा ने बैंक कस्टमर केयर से शिकायत की, लेकिन उन्हें बताया गया कि नया कार्ड एक्टिवेट होने तक बैंक रिकॉर्ड में नहीं दिखाई देगा. 6 अप्रैल को इसी अनएक्टिवेटेड कार्ड से फर्जी ट्रांजेक्शंस किए गए. मोबाइल नंबर बदलने के कारण रज़ा तक कोई अलर्ट नहीं पहुंचा. जब 12 अप्रैल को उन्हें स्टेटमेंट मिला, तब उन्हें इन ट्रांजेक्शंस का पता चला—जबकि यह कार्ड उन्होंने कभी एक्टिवेट ही नहीं किया था.

ये भी पढ़ें: इंडिगो पर सात दिनों से संकट के बीच शेयरों में बड़ी गिरावट, ब्रोकरेज फर्म बोले- ये Buy का बड़ा मौका, बताया टारगेट प्राइस