RBI Report on Bank Fraud: देश में बैंक धोखाधड़ी के मामले तीन गुना तक बढ़ गए हैं. बैंक धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा शिकार प्राइवेट बैंक हो रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)  द्वारा जारी रिपोर्ट से इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है. हालांकि, राहत की बात यह रही कि धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के बावजूद इनमें शामिल रकम में कमी आई है. 


धोखाधड़ी के 14,483 मामले सामने आए


आरबीआई के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढ़कर 14,483 हो गई. मगर, इन धोखाधड़ी में शामिल राशि पिछले साल की तुलना में सिर्फ 14.9 फीसदी रही है. आरबीआई द्वारा 'भारत में बैंक की प्रवृत्ति और प्रगति 2022-23' पर बुधवार को रिपोर्ट जारी की गई. इसमें कहा गया है कि बैंकिंग और पेमेंट सिस्टम को साइबर फ्रॉड एवं आंकड़ों में सेंध के जोखिमों से बचाना बहुत जरूरी है.


5,396 मामलों में हुआ था 17,685 करोड़ रुपये का फ्रॉड 


रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 2,642 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 14,483 मामले सामने आए. एक साल पहले इसी अवधि में फ्रॉड के 5,396 मामले सामने आए थे. इनमें 17,685 करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ थे.


फ्रॉड से गिरती है बैंकों की साख 


रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, धोखाधड़ी से बैंकों की प्रतिष्ठा और कामकाज पर बुरा असर पड़ता है. इससे बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों का भरोसा भी कम होता है. ग्राहकों के बीच बैंकों की साख गिरती है. वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों में धोखाधड़ी के कुल मामले 6 साल के निचले स्तर पर आ गए हैं. साथ ही फ्रॉड में शामिल औसत राशि भी एक दशक में सबसे कम है.


इंटरनेट फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे 


रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष में कार्ड और इंटरनेट फ्रॉड बढ़े हैं. नई तकनीक के आने से साइबर हमले, डेटा से छेड़छाड़ और कामकाज ठप होने का जोखिम भी बढ़ गया है. बैंकों को संभावित खतरे दूर करने के लिए नई तकनीकों और साइबर फ्रॉड को बेहतर ढंग से पहचानकर बदलाव करने होंगे. बैंक सिस्टम मजबूत और सुरक्षित बनाकर ही इन खतरों से बचाव किया जा सकेगा.


एआई का इस्तेमाल बढ़ाकर बैंक रोक रहे फ्रॉड


बैंक भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का फायदा उठा रहे हैं. बैंकों ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए चैटबॉट या ‘वर्चुअल असिस्टेंट’ भी तैनात किए हैं. रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है कि एआई  सिस्टम में बड़े बदलाव आएंगे. यह फाईनेंशियल सर्विस सेक्टर को बदलकर रख देगा.


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