ITR Filing Last Date 2023: क्या आपके पास भी अलग-अलग बैंकों या एक से ज्यादा खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट हैं तो आपको इनकम टैक्स फाइलिंग से पहले कुछ बातें जान लेनी चाहिए. इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक बैंक को खाताधारकों के खाते या फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा रकम के ब्याज पर 10 फीसदी की दर से टीडीएस फाइल करना होता है, ये उसी सूरत में होता है जब सभी बैंक खातों और एफडी का इंटरेस्ट कुल मिलाकर एक साल में 40,000 रुपये के ऊपर का हो. लिहाजा अगर सभी बैंकों के खाते व सभी डिपॉजिट्स का ब्याज मिलकर 40,000 रुपये से ज्यादा नहीं होता है तो बैंको को किस तरह का टैक्स काटने की जरूरत नहीं है.

कौन जमा कर सकता है फॉर्म 15G

एक स्थानीय निवासी जो कि बैंक खातों और अन्य डिपॉजिट्स से ब्याज की आय हासिल कर रहा है बैंक में 15G फॉर्म जमा कर सकता है. इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि साल भर में बैंकों में जमा पैसों पर आपको 40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज मिल रहा है तो अतिरिक्त ब्याज पर बैंक 10 फीसदी टीडीएस काट सकता है. वहीं सीनियर सिटीजन के लिए ये लिमिट 50 हजार रुपये की है. अगर सीनियर सिटीजन को साल भर में 50,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज मिल रहा है तो अतिरिक्त ब्याज पर उन्हें 10 फीसदी की दर से टीडीएस कटवाना पड़ेगा. 

कब देना होता है फॉर्म 15G

अगर साल भर की ब्याज आमदनी को जोड़कर भी आपकी आमदनी टैक्स योग्य इनकम के बराबर नहीं होती है तो आप फॉर्म 15G-15G/H भरकर टीडीएस कटौती रोक सकते हैं. कोई भी खाताधारक या डिपॉजिट का मालिक अगर 60 साल से कम उम्र का है तो वो फॉर्म 15G भरकर बैंक से इंटरेस्ट पेमेंट का सबूत ले सकते हैं और इसके जरिए टैक्स बचा सकते हैं.

जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजिम लिया हुआ है उनके लिए बेसिक छूट लिमिट 2.50 लाख रुपये की है और जिन्होंने न्यू टैक्स रिजिम अपनाया है उनके लिए बेसिक एग्जम्प्ट लिमिट 3 लाख रुपये की है.

क्या हो अगर फॉर्म 15G नहीं सबमिट कर पाते हैं तो?

हालांकि अगर कोई शख्स फॉर्म 15G सबमिट करने के लिए एलिजिबिल नहीं है तो भी आपको बैंक से इस बात का आग्रह करने की जरूरत नहीं है कि वो ब्याज पर टीडीएस काटे. ये उसी स्थिति में होना चाहिए अगर आपके सभी बैंक खातों और डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज की सम्मिलित राशि साल भर में 40,000 रुपये से ज्यादा ना हो और सीनियर सिटीजन के मामले में 50,000 रुपये से ज्यादा ना हो.

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