Covid-19 Impact On Aviation Industry: कोरोना (Covd-19) के चौथे लहर आने का डर बढ़ता जा रहा है. भारत सरकार एक के बाद एक एतियातन बैठक कर रही है. लेकिन कोरोना के फिर से दस्तक की खबरों से सबसे ज्यादा एविएशन सेक्टर चिंतित है जिसे कोरोनाकाल के दौरान भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था.  कोरोना के चलते बीते तीन वर्ष में एविएशन सेक्टर को 29000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. और कोरोना के रोकथाम के लिए सरकार कोई बंदिशें लागू करती है तो एविएशन सेक्टर की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं. 


कोरोना से डरे एयरलाइंस


क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों पर घुमने जाने वाले सैलानियों की भीड़ से एयरलाइंस उत्साहित हैं क्योंकि हवाई यात्रा करने वालों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है. एयरपोर्ट पर लोगों की लंबी कतार लग जा रही है. ऐसे में कोरोना को लेकर सरकार कोई गाइडलाइंस लेकर आती है तो उसी गाज सबसे पहले ट्रैवल एंड टूरिज्म इँडस्ट्री को उठाना होगा जो दो सालों में हुए नुकसान की भरपाई की उम्मीद पाले हुए हैं. 


3 साल में 29000 करोड़ रुपये का नुकसान


नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि एविएशन सेक्टर को 2021-22 में 11,658 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है तो 2020-21 में 12,479 करोड़ और 2019-20 में 4770 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने सदन को बताया कि दुनियाभर में कोविड-19 महामारी के चलते जो बंदिशें लगाई गई उसके चलते इंडस्ट्री को नुकसान हुआ है तो डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में उछाल के चलते एटीएफ के दामों में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन युद्ध, एटीएफ पर लगने वाले वैट और एक्साइज ड्यूटी के कारण एयरलाइंस की ऑपरेटिंग लागत बढ़ गई जिससे एविएशन सेक्टर को नुकसान हुआ है. जबकि लागत में बढ़ोतरी का भार हवाई यात्रियों के ऊपर एयरलाइंस नहीं डाल पाये इसका भी असर पड़ा है.  


एयरलाइंस शेयरों में गिरावट


कोरोना के आने के डर से शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट देखी जा रही है तो एविएशन सेक्टर पर भी इसका असर देखा जा रहा है. इंटरग्लोब एविएशन या इंडिगो का शेयर 2 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है तो स्पाइसजेट के शेयर में 4 फीसदी की गिरावट है. जाहिर है कोरोना को लेकर जैसे जैसे सरकार हरकत में आ रही है एविएशन इंडस्ट्री की चिंताएं बढ़ती जा रही है. 


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