Asian Market Reactions After US Shutdown Ends: अमेरिका में 43 दिनों तक चले शटडाउन के खत्म होने का असर अब वैश्विक बाजारों में दिखने लगा है. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मिश्रित रुख़ देखने को मिला. भारतीय बाजार में गुरुवार सुबह गिरावट दर्ज की गई, जबकि एशियाई बाजारों में कुछ जगह बढ़त और कुछ जगह कमजोरी रही.
एशियाई बाजारों का हाल
- जापान का निक्केई: 88 अंकों (0.17%) की बढ़त के साथ 51,152 पर कारोबार कर रहा है.
- शंघाई (Shanghai Composite): लगभग 18 अंकों की बढ़त के साथ हरे निशान में.
- शेन्ज़ेन (Shenzhen Composite): 238 अंकों की मजबूती के साथ ट्रेड कर रहा है.
- हांगकांग का HSI: 156 अंकों (0.58%) की गिरावट के साथ 26,766 पर फिसला.
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी (KOSPI): हल्की 2 अंकों की गिरावट के साथ कमजोर.
अमेरिका में शटडाउन खत्म
अमेरिकी संसद ने बुधवार को 43 दिनों से जारी शटडाउन को खत्म करने वाला बिल पास किया. इससे सरकार के वे सभी विभाग दोबारा खुल गए, जो कई हफ्तों से ठप पड़े थे. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिल पर हस्ताक्षर कर इसे औपचारिक मंजूरी दी.
हालांकि, निवेशकों में अभी भी सावधानी का माहौल है क्योंकि वे अब अक्टूबर महीने के रोजगार और महंगाई आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं. बाजार अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली ब्याज दर नीति पर नज़र गड़ाए हुए है. निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि अगर आर्थिक गतिविधियां सुस्त दिखीं, तो फेड निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.
डेटा की कमी से अनिश्चितता
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अक्टूबर के रोजगार और महंगाई से जुड़े आंकड़े जारी नहीं किए जा सकेंगे, क्योंकि शटडाउन के दौरान डेटा कलेक्शन रुक गया था. इस वजह से फिलहाल निवेशकों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति पर स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाएंगे.
शटडाउन और डेटा अनिश्चितता के बीच, अमेरिकी टेक्नोलॉजी सेक्टर पर भी असर देखा जा रहा है. बाजार विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक हाई-वैल्यू टेक स्टॉक्स को लेकर अब अधिक सतर्क हो गए हैं.
भारतीय बाजार पर असर
भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को कमजोर शुरुआत की. सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ खुला. निफ्टी भी लाल निशान में कारोबार कर रहा था. विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता, डॉलर की मजबूती, और एफआईआई की बिकवाली भारतीय बाजारों पर दबाव बनाए हुए हैं.
अमेरिका में शटडाउन खत्म होना भले ही राहत की बात है, लेकिन डेटा की कमी, फेड के फैसले की अनिश्चितता और टेक सेक्टर की कमजोर धारणा ने एशियाई और भारतीय बाजारों को फिलहाल संतुलित लेकिन सतर्क रुख़ अपनाने पर मजबूर कर दिया है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)