Amrik Sukhdev: अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो हरियाणा के मुरथल में अमरीक सुखदेव ढाबे का नाम जरूर सुना होगा, जहां के पराठें का जायका लेने दूर-दूर से लोग आगे हैं. कई लोग तो यहां की कुल्हड़ वाली चाय की चुस्की लेने ड्राइव कर देर रात तक ढाबे में पहुंचते हैं.
NH-44 पर स्थित यह ढाबा अब सिर्फ खाने-पीने की जगह से कहीं आगे बढ़ गया है. बीते कुछ सालों में इस ढाबे की पहचान पहले के मुकाबले कहीं और बढ़ गई है. आलम यह है कि सिर्फ दिन में ही नहीं, बल्कि देर रात को भी ढाबे में खूब भीड़ रहती है. अब जाहिर सी बात है कि कस्टमर्स की संख्या जितनी बढ़ेगी, रेस्तरां को मुनाफा भी उतना होगा.
रोजाना हजारों लोग आते हैं खाना खाने
आज भले ही अमरीक सुखदेव किसी पहचान की मोहताज नहीं है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसकी शुरुआत एक छोटे से रोड साइड ढाबे से हुई थी. रियल एस्टेट और बिजनेस से रिलेटेड कंटेंट बनाने वाले रॉकी सग्गू कैपिटल नाम के एक इंस्टाग्राम क्रिएटर ने हाल ही में अमरीक सुखदेव के सफर पर अपना एक वीडियो शेयर किया है. रॉकी ने इस वीडियो में कहा, अमरीक सुखदेव में आज रोजाना 5,000-10,000 लोग खाना खाने आते हैं. इसके लिए इनकी लगभग 500 कर्मचारियों की एक बड़ी टीम भी है. आज यह रेस्टोरेंट सालाना लगभग 100 करोड़ रुपये कमाता है.
यूं ही नहीं बढ़ी पहचान
1956 में सरदार प्रकाश सिंह ने मुरथल में एक छोटे से ढाबे की शुरुआत की थी, जहां आमतौर पर हाईवे से होकर गुजरने वाले ट्रक ड्राइवर्स ही खाना खाने के लिए आते थे. 1990 में उनके दोनों बेटे अमरीक और सुखदेव भी इस बिजनेस से जुड़ गए और पिता के साथ काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे मेन्यु में और भी चीजें जुड़ती गईं, कारोबार भी आगे बढ़ने लगा.
पहले तो यहां ट्रक ड्राइवरों को मुफ्त में या बहुत ही कम रेट पर खाना परोसा जाता था. इससे इसकी पहचान बढ़ी, ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ा. यहां की खास बात यह है कि ढाबे में खाने की क्वॉलिटी पर बहुत ध्यान दिया जाता है. रेस्तरां के मालिक खुद भी खाना चखकर देखते हैं कि उसका टेस्ट कैसा है, क्वॉलिटी कैसी है. इन्हीं सबका नतीजा है कि आज अमरीक सुखदेव न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में भी एक पॉपुलर रेस्टोरेंट है. इस साल जनवरी में इसे टेस्ट एटलस की 'दुनिया के 100 सबसे प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट' की सूची में जगह मिली.
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