Penalty on Amazon: दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और इसके रिटेलर पर पूरे 45,000 हजार रुपये का जुर्माना लगा है. यह पेनाल्टी दिल्ली के एक उपभोक्ता आयोग ने अमेजन पर लगाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कंपनी को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसके पास ग्राहकों की शिकायत निवारण के लिए सही सिस्टम मौजूद नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह ग्राहकों को सही प्रोडक्ट्स बेचे और अगर किसी प्रोडक्ट में कोई दिक्कत आती है तो वह जल्द से जल्द शिकायत का निवारण करके रिफंड से जुड़े प्रोसेस को पूरा करें.


क्या है पूरा मामला?


मामला 29 अक्टूबर 2021 का है जब एक ग्राहक ने अमेजन से एक लैपटॉप ऑर्डर किया था. लैपटॉप की कीमत 78,000 रुपये थी. लैपटॉप की डिलीवरी के बाद ग्राहक को पता चला कि इसमें कोई डिफेक्ट है. इसके बाद उसने प्रोडक्ट को रिटर्न करने के लिए उसी दिन रिटर्न को प्रोसेस कर दिया. शिकायतकर्ता के मुताबिक कंपनी ने प्रोडक्ट को रिटर्न करने में पूरे 10 दिन का वक्त लगाया और उसके बाद भी रिसीप्ट नहीं दिया. इसके साथ ही कंपनी ने ग्राहक को रिफंड देने में भी देरी की.


अमेजन ने दी ये सफाई


दिल्ली के उपभोक्ता कोर्ट ने मामले पर अमेजन और रिटेलर दोनों को ही नोटिस जारी किया, लेकिन अमेजन तय सीमा में नोटिस का जवाब देने में असफल रही. ऐसे में कोर्ट ने कंपनी पर 45,000 का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही रिटलेर भी तय सीमा में कोर्ट में पेश होने में विफल रहा है.


कोर्ट ने अमेजन को दी हिदायत


इस मामले पर दिल्ली के उपभोक्ता कोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनी को कड़ी हिदायत दी है. ग्राहक के हक में फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा कि अमेजन के पास ग्राहकों की समस्याओं का निवारण करने का सिस्टम मौजूद नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी को ग्राहकों की परेशानी को जल्द से जल्द दूर करने की सलाह दी और साथ ही रिफंड प्रोसेस में तेजी लाने की बात कही. 


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