नई दिल्लीः नोटबंदी से कालाधन बाहर आया है और बैंकों में बड़ी मात्रा में कालाधन जमा हुआ है. सरकार को पता चला है कि अलग-अलग बैंक खातों में 3 से 4 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय जमा हुई है. आईटी विभाग इन खातों की जांच करने के बाद खाताधारकों को नोटिस भेज रहा है और अगर खाताधारक इस रकम का स्त्रोत बताने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. नोटबंदी के दौरान लंबे समय से बंद पड़े खातों में 25000 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. जांच से पता चला है कि नोटबंदी के बाद करीब 80,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नकद राशि में किया गया है


पूर्वोत्तर राज्यों में 10700 करोड़ रुपये की अघोषित आय जमा हुई है जबकि सहकारी बैंकों में 16,000 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. ये भी पता चला है कि नोटबंदी के बाद 80,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल लोन रीपेमेंट किया गया है. वहीं उत्तर भारत में अलग-अलग बैंकों में 10700 करोड़ रुपये जमा किए गए.


आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय सहकारी बैंकों के विभिन्न खातों में जमा कराई गई 16,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की जांच पड़ताल कर रहा है. अधिकारियों ने कहा कि नोटबंदी के बाद तीन से चार लाख करोड़ रुपये की अब तक अलग रखी गई आय को बैंकों में जमा कराया गया है, आयकर विभाग इनके ब्यौरे की जांच कर रहा है. कुछ सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के बाद 60 लाख से अधिक बैंक खातों में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा की गई है.