भारत के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) का अडानी समूह (Adani Group) पहले से ही बंदरगाह से लेकर हवाईअड्डे तक मौजूदगी रखता है. अब अडानी समूह ट्रेन से सफर कराने के क्षेत्र में कदम रखने जा रहा है. इसके लिए गौतम अडानी का समूह एक नई डील करने की तैयारी में है, जो जनवरी महीने में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) सामने आने के बाद समूह की पहली बड़ी डील भी होगी.


अडानी एंटरप्राइजेज ने दी जानकारी


गौतम अडानी की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने इस डील के बारे में शुक्रवार को जानकारी दी. कंपनी ने बताया कि वह स्टार्क एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (Stark Enterprises Pvt Ltd) की 100 फीसदी इक्विटी का अधिग्रहण करेगी. स्टार्क एंटरप्राइजेज ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म ट्रेनमैन का संचालन करती है. इस तरह डील से ट्रेनमैन (Trainman) प्लेटफॉर्म अडानी समूह का हिस्सा हो जाएगा.


कई कंपनियों को मिलेगी टक्कर


अडानी एंटरप्राइजेज ने अभी यह नहीं बताया है कि इस डील की वैल्यू क्या होगी यानी वह ट्रेनमैन को कितने में खरीदने वाली है, यह अभी पता नहीं है. हालांकि यह तय है कि इस डील से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने वाली है. ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग के मामले में आईआरसीटीसी का दबदबा है. ट्रेनमैन समेत कई अन्य प्राइवेट प्लेयर्स आईआरसीटीसी से ऑथेराइजेशन लेकर ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करने की सुविधा देते हैं.


इस अनुषंगी के जरिए होगी डील


अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजारों से कहा है कि यह डील उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी अडानी डिजिटल लैब्स के जरिए होने जा रही है. अडानी डिजिटल लैब्स ने स्टार्क एंटरप्राइजेज की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसके साथ शेयर खरीद अनुबंध किया है.


हाल ही में जुटाई थी पूंजी


स्टार्क एंटरप्राइजेज गुरुग्राम बेस्ड एक स्टार्टअप है, जिसकी स्थापना आईआईटी रुड़की के विनीत चिरानिया और करण कुमार ने मिलकर की थी. कंपनी ने हाल ही में एक फंडिंग राउंड में 1 मिलियन डॉलर की पूंजी जुटाई थी. फंडिंग राउंड में गुडवाटर कैपिटल, हेम एंजल्स समेत अमेरिकी निवेशकों के एक समूह ने हिस्सा लिया था.


कई सौदों से हटा था अडानी समूह


यह डील अडानी समूह के लिए भी काफी अहम हो जाती है, क्योंकि जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद यह उसकी पहली बड़ी डील होने वाली है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी समूह को भारी नुकसान हुआ था. जिसके कारण अडानी समूह ने कई प्रस्तावित सौदों से कदम पीछे खींच लिए थे.


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