Salary Hike: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) एक बार फिर महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) बढ़ा सकती है. खबरों के मुताबिक AICPI Index में दो महीने लगातार कमी आने के बाद मार्च 2022 में उछाल आया है. यही कारण है कि DA बढ़ने की उम्मीद जाग गई है. एक बार फिर महंगाई भत्ता 3 फीसदी बढ़ सकता है.


हालांकि इस बारे में अप्रैल, मई और जून के सारे आंकड़े सामने आने के बाद ही सरकार अंतिम फैसला लेगी. अगर आगे भी इसमें उछाल आता है, तो जुलाई महीन में डीए में एक और बढ़त देखने को मिल सकती है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को दो बार महंगाई भत्ता दिया जाता है. पहला जनवरी और दूसरा जुलाई के महीने में दिया जाता है.


इतना बढ़ा भत्ता


सरकार ने हाल में 3 फीसदी DA बढ़ाया था. अगर महंगाई भत्ता जुलाई में दिया जाता है, तो इसमें फिर 3 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इस बीच All India Consumer Price Index में महंगाई बढ़ी नजर आई, तो सरकार जुलाई में डीए बढ़ा सकती है.


ये भी पढ़ें


Rakesh Jhunjhunwala की एयरलाइन में सफर करने का इंतजार होगा खत्म, इस महीने से उड़ान भरेगी फ्लाइट


LIC IPO: एलआईसी आईपीओ निवेशकों के लिए अच्छी खबर! रविवार के दिन भी ASBA की सुविधा वाले ब्रांच खुले रहेंगे


जनवरी, फरवरी में इसमें हल्की गिरावट आई थी. जनवरी में डेटा घटकर 125.1 था, जो फरवरी में 125 अंक पर आ गया था. अब मार्च में यह बढ़कर 126 पर पहुंच गया है. इसीलिए माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में इसमें बढ़त रहने पर डीए बढ़ना तय है.


कितने की उम्मीद?


अभी डीए 34 फीसदी है. अगर ये इसमें 3 फीसदी की और बढ़ोतरी होती है तो ये 37 फीसदी हो सकता है. इस फैसले से 50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा.


पहले इतना बढ़ा


जुलाई, 2021 में,केंद्र ने महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया. केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस महामारी के कारण लगभग डेढ़ साल से डीए नहीं बढ़ाया था. अक्टूबर 2021 में 3 फीसदी और बढ़ोतरी के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए DA बढ़कर 31 फीसदी हो गया. अब इसे 3 फीसदी बढ़ाकर 34 प्रतिशत कर दिया गया है.


डीए का कैलकुलेशन


महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन का एक हिस्सा है, जिसका मकसद महंगाई के प्रभाव को कम करना है. बढ़ती महंगाई दर से निपटने के लिए सरकारी


कर्मचारियों के प्रभावी वेतन को समय-समय पर संशोधित किया जाता है. चूंकि डीए जीवनयापन की लागत से जुड़ा है, ऐसे में यह कर्मचारी से कर्मचारी के आधार पर अलग-अलग होता है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कर्मचारी शहरी क्षेत्र में रहते हैं, अर्ध-शहरी क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्र में काम करते हैं या पेंशनभोगी हैं.