5G: देश में जबसे 5G का आगमन हुआ है, तब से ही लोगों में उत्सुकता है कि आखिर उनके पास 5जी की पहुंच कब होगी. हालांकि 5जी की पहुंच होने से पहले ही लगभग 32 फीसदी मोबाइल सेवा ग्राहकों के पास 4जी/5जी सेवाओं के लिए भुगतान करने के बावजूद अपने दिन के अधिकांश समय के लिए कवरेज नहीं है. एक सर्वेक्षण में शामिल 69 फीसदी लोगों को कॉल कनेक्शन और ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.


26 फीसदी मोबाइल यूजर्स का क्या है कहना


लोकल सर्कल्स के सर्वे के अनुसार, केवल 26 फीसदी मोबाइल सेवा ग्राहकों ने कहा कि उनके घर में सभी मौजूदा ऑपरेटरों के लिए अच्छा वॉयस कवरेज है, जबकि 5 फीसदी ने कहा कि उनके कार्यस्थल पर तीनों ऑपरेटरों के लिए अच्छा वॉयस कवरेज है. लगभग 20 फीसदी ग्राहकों को 50 फीसदी से अधिक वॉयस कॉल के लिए कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ता है.


ट्राई ने की थी 17 फरवरी को बैठक


भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने वायरलाइन और वायरलेस सेवाओं की गुणवत्ता पर चर्चा करने के लिए 17 फरवरी को मोबाइल फोन ऑपरेटरों के साथ एक बैठक बुलाई थी. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि 5जी सेवाओं की गुणवत्ता कैसे सुधारी जाए.


चौंकाने वाले हैं आंकड़ें


लोकलसर्कल्स ने ट्राई के साथ 5जी सेवाओं पर अपने सर्वेक्षण के निष्कर्षों को साझा किया, जिसमें केवल 16 फीसदी मोबाइल ग्राहकों (जिन्होंने 5जी पर स्विच किया था) ने कॉल कनेक्शन और ड्रॉप मुद्दों में सुधार का संकेत दिया है. ट्राई ने कहा कि 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर में समय लगेगा और 2023 के अंत तक 15-20 गुना हो जाएगा. हालांकि, 4जी की सेवा गुणवत्ता एक चिंता का विषय था जिसे दूर करने के लिए यह ऑपरेटरों के साथ काम कर रहा है.


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