Indian Citizenship: केंद्र सरकार ने संसद को जानकारी दी है कि पिछले तीन वर्षों में 4,74,246 भारतीयों ने अपनी नागरिकता का त्याग कर दूसरे देशों की नागरिकता हासिल कर वहां बस गए हैं. वहीं मौजूदा वर्ष 2023 में जून महीने तक कुल 87,026 लोगों ने भारतीय नागरिकता का त्याग किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में पूछे गए प्रश्न पर लिखित में ये जवाब दिया है.


लोकसभा सांसद कार्ती पी चिंदबरम ने विदेशी मंत्री से सवाल किया कि पिछले तीन वर्षों में कितने भारतीयों ने नागरिकता का त्याग किया है. साथ ही उन्होंने किन देशों की नागरिकता हासिल की है. क्या नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या 12 वर्षों में सबसे ज्यादा है?   


इन प्रश्नों के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 में 85,256, 2021 में 1,63,256 और 2022 में 2,25,620 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी है. जबकि जून 2023 तक ये संख्या 87,026 है.  एस जयशंकर ने  कहा कि पिछले दो दशकों में बड़ी संख्या में भारतीय ग्लोबल वर्कप्लेस की तलाश करते रहे हैं. इनमें से कई लोगों ने व्यक्तिगत सुविधा के कारण दूसरे देशों की नागरिकता लेने के विकल्प को चुना है.  उन्होंने कहा कि सरकार ने इसका संज्ञान लिया है और मेक इन इंडिया के ईद-गिर्द ऐसे कई प्रयास किए हैं जिससे देशों में ही उनके प्रतिभा को निखारा जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्किल और स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है. 


वित्त मंत्री ने बताया कि विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय इस देश के लिए एसेट हैं. सरकार ने भारतीय समुदाय से इंगेजमेंट करने के तौर तरीकों में बड़ा परिवर्तन लाया है. सफल, संपन्न और प्रभावशाली भारतीय समुदाय भारत के लिए बेहद मायने रखता है.  उन्होंने कहा कि सरकार का अप्रोच इस डायसपोरा के नेटवर्क्स का इस्तेमाल कर भारत को लाभ पहुंचाने का रहा है. 


विदेश मंत्री ने बताया कि भारतीयों ने कुल 130 देशों की नागरिकता हासिल की है जिसमें अमेरिका, यूके, स्विटजरलैंड, स्पेन, स्वीडन, पुर्तगाल, इजरायल, बाहामास जैसे  देश शामिल हैं.  


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