2000 Rupees Notes: शुक्रवार 19 मई को देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने एक फैसले का एलान किया और 2000 रुपये के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करने की घोषणा कर दी. आरबीआई के इस एलान के तुरंत बाद ही ये साफ हो गया कि अब भारत की करेंसी के सबसे बडे़ नोट 2000 की विदाई होने जा रही है. 19 मई को आरबीआई ने कहा कि वह क्लीन नोट पॉलिसी के एक हिस्से के रूप में सभी 2000 रुपये के नोटों को वापस ले लेगा और साथ ही कहा कि यह लीगल टेंडर बना रहेगा. आरबीआई के अनुसार, लोग 23 मई से 30 सितंबर तक किसी भी बैंक शाखा में अपने बैंक खातों में 2000 रुपये के नोट जमा कर सकते हैं और/या उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल सकते हैं.


साल 2016 में लाए गए थे 2000 रुपये के नोट


साल 2016 में लाई गई नोटबंदी के बाद देश में 2000 रुपये के नोट का आगमन देश में पहली बार हुआ और इस गुलाबी करेंसी को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया. 2000 रुपये जैसे बड़े करेंसी नोट की तार्किकता को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे और देश में हाल-फिलहाल में इस नोट की चर्चा काले धन पकड़े जाने के संदर्भ में ज्यादा हुई है.


रिजर्व बैंक गवर्नर ने क्या कहा


कल यानी सोमवार 22 मई को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के बाद पहली बार इसके बारे में बात की. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि 2000 रुपये के चलन में अधिकांश नोट 30 सितंबर तक बैंकों में वापस आ जाएंगे. सोमवार को बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के अधिकांश नोट 30 सितंबर, 2023 तक बैंकों में वापस आ जाएंगे और उन्होंने लोगों से जमा करने के लिए बैंकों में भीड़ नहीं लगाने का भी आग्रह किया.


आरबीआई के मुताबिक, 2000 रुपये के लगभग 181 करोड़ नोट चलन में हैं. उन्होंने कहा कि 500/1000 रुपये के नोटों को वापस लेने से बनी खाली जगह को भरने के लिए 2000 रुपये के नोटों के साथ आने का उद्देश्य अब पूरा हो गया है. अब पर्याप्त संख्या में करेंसी नोट चलन में हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत के हिसाब से 500 रुपये का नोट छापा जाएगा. उनके मुताबिक, पहले भी कई दुकानें और अन्य लोग 2000 रुपये के नोट लेने से हिचकते थे. उन्होंने यह भी कहा कि 2000 रुपये के नोट की सेक्योरिटी फीचर्स का उल्लंघन नहीं किया गया है.


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