2 Thousand Rupees Note: दो हजार रुपये के सर्कुलेशन से बाहर वापस लेने के फैसले के एक हफ्ते बाद ही 36,492 करोड़ रुपये चलन से गायब हो चुके हैं. इसका मतलब है कि एक हफ्ते के दौरान 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम सर्कुलेशन से बाहर होकर बैंकों में जमा हो चुका है. 


भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये को सर्कुलेशन से बाहर रखने का फैसला किया है. इसके लिए 30 सितंबर तक बैंकों में 2 रुपये के नोटों को जमा कराने और एक्सचेंज कराने के लिए कहा है. अभी तक ज्यादातर लोगों ने बैंकों में नोटों को एक्सचेंज कराने की जगह बदलना पसंद किया है. 


आरबीआई के लेटेस्ट डाटा के अनुसार, 26 मई 2023 को सर्कुलेशन में बकाया करेंसी 34.4 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें एक हफ्ते में 36,492 करोड़ की गिरावट आई है. CIC में गिरावट बैंकिंग सिस्टम में राशि के कम चलन को दिखा रही है. बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि सीसीआई में कमी ये बताती है कि पहले 36 हजार करोड़ रुपये एक्सचेंज किए गए थे और बाद इन्हें सिस्टम से वापस ले लिया गया है. उनका कहना है कि बैंकों को बैंकों की ओर से 36 हजार करोड़ रुपये बैंकों को वापस कर दिए गए हैं. 


50 हजार से 1 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान 


इसका एक और मतलब है कि 2000 रुपये के नोट काफी संख्या में बैंकिंग सिस्टम में लौट रहा है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि सर्कुलेशन में 2000 रुपये के नोटों में 3.6 लाख करोड़ रुपये में से 50 हजार करोड़ रुपये से लेकर 1 लाख करोड़ रुपये तक वापस आ रहे हैं. हालांकि एक हफ्ते के दौरान ही 36 हजार करोड़ से ज्यादा की करेंसी वापस आ चुकी है. 


तेजी से आ रहे नोट 


पहले हफ्ते के दौरान ही इतनी बड़ी संख्या में नोट आने का मतलब साफ है कि 2000 रुपये के नोट तेजी के साथ सर्कुलेशन में वापस आ रहे है. एचडीएफसी बैंक के इकोनॉमिस्ट अभीक बरुआ ने कह कि सीआईसी में गिरावट 2000 रुपये के नोटों के वापस लेने के कारण हो सकता है. उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि दो बड़े बैंकों को 32 हजार करोड़ रुपये मिल चुके हैं. 


एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा था कि 2000 रुपये के नोट को लेकर बैंक को 14 हजार करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं 3 हजार करोड़ रुपये की अदला-बदली की गई है. 


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