Cashback: देश में यूपीआई और डिजिटल ट्रांजेक्शन एप ने लोगों के पेमेंट के तौर तरीकों में बड़ा बदलाव किया है. एक के बाद एक कई एप डिजिटल पेमेंट सेक्टर में उतरे. इन सभी ने शुरुआत में कस्टमर्स को लुभाने के लिए ज्यादा से ज्यादा कैशबैक और ऑफर्स की झड़ी लगा दी थी. एक बार जब यूजर्स को उनके एप के इस्तेमाल की आदत हो गई तो ये कैशबैक और ऑफर्स गायब हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ क्रेड एप का इस्तेमाल करने वाले एक गुरुग्राम के यूजर के साथ. उन्होंने 87000 रुपये का क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट क्रेड के जरिए किया. इसके बदले में उन्हें कंपनी से सिर्फ 1 रुपये का कैशबैक मिला है. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट लिखकर कंपनी की फजीहत करवा दी. 






क्रेडिट कार्ड पेमेंट का सबसे बड़ा थर्ड पार्टी एप है क्रेड 


बेंगलुरु स्थित क्रेड को क्रेडिट कार्ड पेमेंट का सबसे बड़ा थर्ड पार्टी एप माना जाता है. कंपनी के देशभर में 1.5 करोड़ एक्टिव कस्टमर हैं. इसके अलावा यह देश का चौथा सबसे बड़ा यूपीआई एप भी है. एक आईटी कंपनी में मैनेजर गुरजोत अहलूवालिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उन्होंने 87000 रुपये का पेमेंट क्रेड के जरिए किया. इसके बदले में उन्हें 1 रुपये का महा कैशबैक मिला है. उन्होंने लिखा कि इससे अच्छा तो मैं बैंक के पोर्टल से ही पेमेंट कर देता. अब समय आ गया है कि हम अपना डेटा क्रेड जैसी कंपनियों को न दें. हमें सीधा बैंक को ही भुगतान कर देना चाहिए.


सोशल मीडिया पर ऐसे ऑफर्स का बना मजाक  


इस पोस्ट पर कई यूजर अपनी-अपनी कहानियां लेकर आ गए. एक यूजर ने लिखा कि मैंने 1.5 साल पहले ही ऐसा कर लिया था. ऑफर्स सिर्फ शुरू में ही मिलते हैं. इसके बाद ऐसे एप अपना पैसा बचाना शुरू कर देते हैं. एक अन्य यूजर ने लिखा कि मैंने एक फिनटेक कंपनी में काम करने वाले अपने दोस्त से पूछा कि आखिर क्यों लोग क्रेड जैसे एप का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि क्रेड आपको बिल पेमेंट करना याद दिलाता है. साथ ही थोड़ा कैशबैक भी मिल जाता है. अब आपकी कहानी सुनकर मुझे लग रहा है कि ठीक ही रहा कि मैंने अब तक क्रेड का इस्तेमाल नहीं किया.


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