SEBI: बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने लगभग 1.3 करोड़ इनवेस्टर अकाउंट को होल्ड पर डाल दिया है. इन पर केवाईसी नियमों के चलते कार्रवाई की गई है. इन अकाउंट से निवेशक स्टॉक, म्युचुअल फंड और कमोडिटी में निवेश नहीं कर पाएंगे. यह जानकारी केवाईसी रजिस्ट्रेशन करने वाली संस्थाओं केआरए (KRA) ने दी है. सेबी के अनुसार, देश में लगभग 11 करोड़ निवेशक हैं. 


केवाईसी नियमों के उल्लंघन के चलते की गई कार्रवाई 


देश में मौजूद 5 केआरए ने बुधवार को बताया कि यह कार्रवाई केवाईसी के विभिन्न नियमों के उल्लंघन के चलते की गई है. कई सारे कस्टमर्स लगातार शिकायत कर रहे थे कि वह केवाईसी के बावजूद निवेश नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सभी केआरए ने संयुक्त बयान जारी किया है. केआरए के अनुसार, पैन कार्ड और आधार कार्ड होने के बावजूद कई लोगों की केवाईसी पूरी नहीं है. उनके पैन कार्ड और आधार कार्ड आपस में लिंक नहीं हैं. इनमें से कई लोगों ने केवाईसी के लिए बिजली और टेलीफोन के बिल एवं बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट दिया था. अब सेबी ने स्पष्ट कर दिया है कि इन्हें वैध दस्तावेज नहीं माना जाएगा. 


केआरए ने निवेशकों को तीन कैटेगरी में बांटा


एक अप्रैल से नए नियमों के तहत सभी केआरए ने निवेशकों को तीन कैटेगरी में बांटा है. इन्हें वैलिडेटिड, रजिस्टर्ड और होल्ड में बांट दिया गया है. एक केआरए अधिकारी ने बताया कि निवेशकों को उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड, ईमेल और मोबाइल नंबर के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है. जिन निवेशकों की केवाईसी वैलिडेटिड है, वह आराम से इनवेस्टमेंट जारी रख सकते हैं. रजिस्टर्ड केवाईसी के दायरे में आने वाले निवेशक दोबारा से केवाईसी करवाकर निवेश जारी रख सकते हैं. हालांकि, बैंक स्टेटमेंट और यूटिलिटी बिल जैसे दस्तावेज देने वालों को होल्ड कैटेगरी में डाला गया है. यह सभी किसी भी तरह का निवेश नहीं कर पाएंगे. साथ ही केवाईसी डाक्यूमेंट्स को अपलोड किए बिना यह लोग अपने पैसे को भी निकाल पाएंगे. 


7.9 करोड़ इनवेस्टर्स के पास वैलिड केवाईसी


केआरए के अनुसार, लगभग 11 करोड़ निवेशकों में से 7.9 करोड़ (73 फीसदी) के पास वैलिड केवाईसी है. इसके अलावा 1.6 करोड़ निवेशकों को रजिस्टर्ड कैटेगरी में रखा गया है जबकि 12 फीसदी निवेशकों को होल्ड कर दिया गया है. अब निवेशक किसी भी केआरए की वेबसाइट पर जाकर अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं.


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