नई दिल्लीः इस बार आम बजट के साथ ही रेल बजट पेश होगा. देश के आज़ाद होने के बाद ऐसा पहली बार होगा जब रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा. वित्त मंत्री आम बजट में ही रेल से जुड़ी योजनाओं का ऐलान करने वाले हैं.


रेलवे की माली हालत को देखा जाए तो साल 2015-16 में रेलवे को 15,744 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. रेलवे को 1 रुपये कमाने के लिए 92 पैसे का खर्च करना पड़ता है. टिकट बिक्री पर रेलवे को 43 फीसदी का नुकसान होता है. 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद रेलवे पर 28,000 करोड़ रुपये का और बोझ आ गया है जिसके चलते इसको मुनाफे की स्थिति में लाना और भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में वित्त मंत्री अरुण जेटली से रेल यात्रियों को क्या-क्या मांगें है ये जान लीजिए.


इस रेल बजट से यात्रियों की मांग




  •  रेल यात्रियों का कहना है कि रेल बजट अलग से ही पेश होना चाहिए. इस तरह रेल बजट में यात्रियों के लिए खास ध्यान देकर नई ट्रेनों का ऐलान, यात्री किरायों में छूट जैसी मांगों पर सरकार अलग से ध्यान दे सकती है.

  • यात्रियों की सबसे बड़ी मांग है कि रेलवे सुरक्षित सफर सुनिश्चित कराए. फिलहाल ये मांग रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि रेल हादसों की संख्या में कमी नहीं आ रही है.

  • रेलवे किराया बढ़ाए, लेकिन सुविधाएं भी उसी हिसाब से बढ़ाई जानी चाहियें. रेलवे में साफ-सफाई, यात्री सुविधाओं और आराम के लिए अच्छे इंतजाम किए जाएं तो रेलवे किरायों का बढ़ना भी यात्रियों को खलेगा नहीं.

  • यात्रियों की मांग है कि डायनामिक फेयर सिस्टम जेब पर भारी पड़ रहा है. इस बजट में डायनामिक फेयर सिस्टम को खत्म करना चाहिए. ऊंचे किराये के मुताबिक रेलों में सुविधाएं नहीं हैं. इन मुद्दों पर वित्त मंत्री को ध्यान देना चाहिए.

  • रेलवे में साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी नहीं है जिसपर ध्यान दिया जाना चाहिए. साथ ही. खाने-पीने का स्तर भी सुधरना चाहिए. यात्रियों की खास शिकायत है कि सुबह के नाश्ते में ऑप्शन बिलकुल नहीं है. रेलवे के खाने के मेन्यू में बदलाव होना चाहिए क्योंकि ये सालों से कमोबेश एक जैसा ही है.

  • महिला यात्रियों की मांग है कि ट्रेनों में सुरक्षा बढ़नी चाहिए. महिलाओं के लिए अलग से डिब्बे होने चाहिए और महिला सुरक्षाकर्मियों की तादाद बढ़नी चाहिए.

  • सीनियर सिटीजन्स चाहते हैं कि बुजुर्गों को ट्रेनों में बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए. ट्रेन में स्वास्थ्य सुविधाएं भी होनी चाहिए. सुविधाओं को बेहतर किया जाना चाहिए. बुजुर्गों को ट्रेनों में नीचे की सीट मिलना निश्चित किया जा सके. महिला बुजुर्ग यात्रियों के लिए भी ट्रेन में नीचे की सीट देना अनिवार्य किया जाए.


भारतीय रेलवे का इतिहास 164 साल पुराना है और रेलवे में कुल 13 लाख कर्मचारी है. देश में रोजाना करीब 12,000 रेलगाड़ियां चलती हैं जिन पर रोजाना 2.5 करोड़ के करीब यात्री सफर करते हैं. देश में एक तिहाई माल ढुलाई रेलवे से होती है. रेलवे की आय का मुख्य जरिया मालभाड़ा है, यात्रि किरायों से रेलवे को उतनी आय नहीं होती जितनी मालभाड़े से होती है. लिहाजा सरकार की कोशिश रहेगी कि यात्री किरायों से भी अच्छे मुनाफे के आंकड़ें लाए जाएं और रेलवे का बोझ कुछ कम किया जा सके.