नई दिल्ली, जून 2: आज के दौर में जब युवा पीढ़ी तेजी से करियर की ओर बढ़ रही है, वहीं कुछ ऐसे भी युवा हैं जो न सिर्फ अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि समाज के लिए भी उदाहरण बन रहे हैं. सामाजिक जागरूकता, मानवाधिकारों की रक्षा और जरूरतमंदों की सेवा-ये सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि कुछ लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा हैं. ऐसा ही एक नाम है प्रिंस कटारा, जो वागड़ और मेवाड़ की धरती से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं.

प्रिंस कटारा का जन्म 19 जुलाई 2001 को राजस्थान के उदयपुर ज़िले के कल्याणपुर गांव में हुआ. बचपन डूंगरपुर जिले के दोवड़ा गांव में बीता. एक मिडल क्लास परिवार से आने वाले प्रिंस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डूंगरपुर से पूरी की.

साल 2017 में उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा. कम उम्र में उन्होंने जो मेहनत और लगन दिखाई, उसका नतीजा था कि 2022 में मात्र 21 वर्ष की उम्र में उन्हें ग्लोबल प्राइड अवार्ड से रेड कारपेट पर सम्मानित किया गया. इसके साथ ही उन्हें "फैशन आइकॉन 2022" के खिताब से भी नवाज़ा गया.

हर सफलता के पीछे संघर्ष होता है और प्रिंस की कहानी भी इससे अछूती नहीं रही. एक कार एक्सीडेंट में उन्हें और उनकी मां को चोटें आईं. इसके बाद धीरे-धीरे वे मॉडलिंग से दूर होते चले गए. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.

उन्होंने 2021 में शुरू की गई अपनी कंपनी को 2023 में फिर से खड़ा किया, उसे कर्ज मुक्त किया और कंपनी से हुई कमाई का एक हिस्सा असहाय और ज़रूरतमंद लोगों की मदद में लगाना शुरू किया. अब तक वे 10,000 से अधिक लोगों को सहायता दे चुके हैं.

प्रिंस कटारा की सामाजिक सेवा को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय आयोग ने 2024 में उन्हें अपना सदस्य नियुक्त किया. इस पद पर रहते हुए उन्होंने मानवाधिकारों की रक्षा, चाइल्ड एजुकेशन, महिला सुरक्षा, पशु कल्याण और जरूरतमंदों की न्यायिक सहायता जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए.

उनके एक साल के कार्यकाल से प्रभावित होकर राष्ट्रीय कमेटी ने उन्हें उदयपुर संभाग का संभागीय अध्यक्ष नियुक्त किया. अब वे उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सलूम्बर, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ जिलों में मानवाधिकारों पर नज़र रखेंगे.

युवा नेतृत्व को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्रिंस के नेतृत्व और सेवा कार्यों को देखते हुए भारतीय युवा वेलफेयर और भारत सरकार द्वारा आयोजित नेशनल आइकॉन अवार्ड समिति ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर "राजस्थान यूथ आइकॉन अवार्ड" से सम्मानित किया.

मीडिया से बात करते हुए प्रिंस कटारा ने कहा, "मैं संभागीय अध्यक्ष पद हेतु मुझ पर विश्वास जताने के लिए राष्ट्रीय कमेटी का आभार व्यक्त करता हूँ व आश्वासन देता हूँ की संभागीय स्तर पर होने वाली सभी मानवाधिकार एवं न्यायिक गतिविधियाँ व्यवस्थित रूप से चलेंगी. किसी प्रकार की चूक या लापरवाही होने पर मेरी ओर से आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाएगा. इस हेतु सभी जिलों के लोगों, कर्मचारियों व अधिकारियों से आवश्यक सहयोग करने का निवेदन करता हूँ. आप सभी का एक छोटा सा कदम और सहयोग आपके जीवन के साथ ही आपके परिवार के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाएगा."

प्रिंस कटारा की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता की नहीं, बल्कि समाज के प्रति समर्पण की मिसाल है. उन्होंने साबित किया है कि अगर इरादे नेक हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र से निकलकर पूरे देश में अपनी पहचान बना सकता है. ऐसे युवाओं की कहानियाँ आज के समाज को एक नई दिशा देने का काम करती हैं.

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