आमिर खान का विवादों से है पुराना नाता, ये हैं उनके 5 बड़े विवाद
आमिर खान कभी भी अपने स्टार्डम को खुद पर हावी नहीं होते और न ही वो अपने काम का महिमामंडन ही करते हैं. इसी क्रम में आमिर खान ने मैडम तुसाद में अपना वैक्स स्टेच्यू बनाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था. उनका कहना था कि जिन्हें मेरी फिल्में देखनी हैं वो देखेंगे. उन्हें इन सब चीजों से खासा फर्क नहीं पड़ता. मैं इतनी सारी चीजों के बारे में काम नहीं कर सकता. मैं सिर्फ अपना काम ही कर सकता हूं. Photo (Google)
साल 2014 में आई फिल्म 'पीके' को लेकर भी आमिर खान को विवादों और आलोचनाओँ का सामना करना पड़ा था. आमिर खान पर फिल्म में समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने और उस पर टीका टिप्पणी करने को लेकर लोगों का गुस्सा फूटा था. हालांकि फिल्म रिलीज होने के बाद उन सभी विवदों पर पूर्ण विराम लग गया था. Photo (You tube )
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं. पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किए जा चुके आमिर खान ने 1984 केतन मेहता की फिल्म होली से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी. हालांकि उन्हें पहचान साल 1988 में आई फिल्म 'कयामत से कयामत तक' से मिली. यूं तो आमिर हमेशा ही विवादों से दूर रहना पसंद करते हैं लेकिन कहते हैं न कि स्टार्स और विवादों का तो चोली दामन जैसा साथ होता है. आज हम उनके 5 बड़े विवादों के बारे में बता रहे हैं. फोटो (इंस्टाग्राम)
आमिर खान को सबसे ज्यादा विवादों में घिरा उस वक्त पाया गया जब उन्होंने देश में बढ़ रही इनटोलेरेंस के बारे में अपने विचार रखे थे. उस दौरान आमिर ने कहा था कि देश में मौजूद हालातों से उनकी पत्नी बेहद चिंतित हैं. उन्होंने कहा था ‘मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं, वह कहती हैं कि ‘क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?’किरण का यह बयान देना एक दुखद एवं बड़ा बयान है. उन्हें अपने बच्चे की चिंता है. उन्हें भय है कि हमारे आसपास कैसा माहौल होगा. उन्हें प्रतिदिन समाचारपत्र खोलने में डर लगता है.’ आमिर के इस बयान को लेकर उन्हें तीखी प्रतियाक्रियाओं का सामना करना पड़ा था. फोटो (मानव मंगलानी )
आमिर खान हमेशा से ही सामाजिक मुद्दों पर न सिर्फ खुलकर बात करते हैं बल्कि वो इसके लिए काम भी करते हैं. हालांकि वो बहुत ज्यादा मीडिया में शोर नहीं करते. आमिर शायद बॉलीवुड के पहले ऐसे अभिनेता होंगे जो किसी आंदोलन का सशक्त हिस्सा बने होंगे. साल 2006 में आमिर खान ने नर्मदा बचाओ आंदोलन कमिटी को अपना खुला समर्थन दिया था और आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उस वक्त उनके इस समर्थन को लेकर उन्हें जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था. Photo (Instagram )
इसी क्रम में देश के सबसे बड़े सम्मानों पद्म श्री और पद्म भूषण से नवाजे जा चुके आमिर खान कभी भी अवॉर्ड फंक्शन्स में नजर नहीं होते. इस बाबत उनका कहना होता है, मुझे बॉलीवुड अवॉर्ड्स पसंद नहीं हैं, इसलिए मुझे लगता है कि मुझे इन अवॉर्ड फंक्शंस में जाना नहीं चाहिए. साथ ही उनका कहना है कि उन्हें इन सब से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनके लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड के अलावा कोई और अवॉर्ड खास महत्व नहीं रखता है. Photo(Social Media)