जन्मदिन विशेष: बेटे की मौत के बाद 6 महीने तक खामोश हो गए थे जगजीत सिंह!
अपनी आवाज से देश और दुनिया को दीवाना बनाने वाले जगजीत सिंह के पिता उन्हें सिंगर नहीं बल्कि एक सरकार अफसर या फिर IAS अफसर बनाना चाहते थे. इसी सिलसिले में उन्होंने 1959 में जालंधर पढ़ाई के लिए भेजा था. हालांकि उस दौर में उनके हॉस्टल के कमरे में किताबों से ज्यादा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट ज्यादा नजर आते हैं.
जगजीत सिंह ने अपनी पहली रिकॉर्डिंग जालंधर के ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन में की थी. उस दौर में जगजीत सिंह साल में 6 बार ऑल इंडिया रेडियो के लिए लाइव प्रोग्राम किया करते थे. इसके बाद वो अपने इस पैशन को करियर में बदलने के लिए मुंबई निकल पड़े. इस दौर में वो अपनी जीविका कमाने के लिए शादियों में परफॉर्म करने के साथ वो विज्ञापनों के लिए जिंगल्स बनाया करते थे.
जगजीत सिंह संगीत की दुनिया में अपनी गायकी के ऐसे निशान छोड़ गए हैं जो सदियों तक मिट ना सकेंगे. जगजीत ने कई बड़े पुरस्कार जीते. साल 1998 में ‘मिर्जा गालिब’ में उनके शानदार काम के लिए उन्हें साहित्य एकेडमी अवॉर्ड से नवाजा गया. 2003 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान मिला. राजस्थान सरकार ने साल 2012 में उन्हें मरणोपरांत राजस्थान रत्न से नवाजा. इसके अलावा 2014 में भारत सरकार ने जगजीत सिंह के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया. सभी फोटो (सोशल मीडिया)
1990 के एक सड़क हादसे ने जगजीत सिंह की जिंदगी बिल्कुल बदल कर रख दी. इस साल एक सड़क हादसे में जगजीत सिंह और चित्रा के बेटे विवेक की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद ये कपल गहरे सदमे में चला गया था और जगजीत सिंह करीब 6 महीने के लिए खामोश हो गए थे.
आज भी जगजीत सिंह की रूहानी आवाज सुनकर दिलों में जज्बातों के भंवर उमर पड़ते हैं. आज उन्हीं जगतीज सिंह की जयंती है. उनकी पैदाइश 8 फरवरी 1941 राजस्थान के श्री गंगानगर (तब के बीकेनेर स्टेट) में हुई थी. उनके पिता अमर सिंह सरकारी कर्मचारी थे. उनकी पैदाइश के वक्त घरवालों ने उनका नाम जगमोहन रखा था लेकिन एक बुजुर्ग के मशविरे पर उनकी मां ने उनका नाम जगमोहन से जगजीत कर दिया. उस वक्त कौन जानता था कि जगजीत अपने नाम को सच कर दिखाएंगे.
साठ के दशक के आखिर में जगजीत सिंह की मुलाकात चित्रा दत्ता से हुई. उन दोनों को प्यार हुआ फिर जमाने की फिक्र किए बिना दोनों एक दूसरे के हो गए. जगजीत सिंह और चित्रा दत्ता के मोहब्बत की दास्तान भी बेहद दिलचस्प है. चित्रा ने पहली बार जगजीत को तब देखा था जब वो उनके पड़ोस में गाना गा रहे थे.