बॉलीवुड में इस साल जनवरी से लेकर जून की इस पहली छमाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि छोटे बजट की फिल्में भी बड़ा धमाल करने का दमखम रखती हैं. बात साल के शुरू की फिल्म ‘उरी’ की हो या हालिया प्रदर्शित ‘कबीर सिंह’ की, इन दोनों फिल्मों ने कई बड़ी बड़ी फिल्मों को ठेंगा दिखाते हुए जिस तरह कमाई के बड़े बड़े खेल दिखाये हैं, उससे सभी हैरत में हैं.


यह निश्चय ही चौंकाता है कि अब छोटे बजट की फिल्में बड़े कलाकारों की बड़ी फिल्मों को लगभग लगातार पछाड़ते हुए आगे बढ़ रही हैं. ऐसे नज़ारे कुछ समय पहले भी देखने को मिले और पिछले वर्ष भी और साल 2019 की यह पहली छमाई भी इस बात की साक्षी बन गयी है कि बड़ी फिल्मों के मुक़ाबले छोटी फिल्में कहीं ज्यादा बिजनेस करके सफलता के नए आयाम बना रही हैं.


‘हाउज द जोश’ से बढ़ा दर्शकों का भी जोश


हालांकि इस साल जब 11 जनवरी को ‘उरी’ फिल्म प्रदर्शित हुयी थी तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह फिल्म इतनी सफल होगी. यह 200 करोड़ रुपए से भी ज्यादा नेट बिजनेस कर लेगी. लेकिन 25 करोड़ रुपए से भी कम में बनी इस फिल्म ने करीब 244 करोड़ रुपए कमाकर सभी कि आंखें खोल दीं. जबकि फिल्म में विकी कौशल, मोहित रैना, यामि गौतम और परेश रावल जैसे कलाकार ही थे. फिल्म ने शुरुआत में अच्छा बिजनेस किया तो लगा यह फिल्म 70-80 करोड़ रुपए तक का बिजनेस कर ही लेगी. लेकिन भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी इस फिल्म ने दर्शकों को इतना लुभाया कि फिल्म की कमाई का सिलसिला 80 करोड़ से भी आगे बढ़ता गया.



सोने पर सुहागा तब हुआ, जब ‘राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय’ मुंबई के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने वहाँ अपने सम्बोधन की शुरुआत ‘उरी’ फिल्म के संवाद- ‘हाउज द जोश’ से की.  प्रधानमंत्री के मुख से फिल्म का यह संवाद सुन समारोह में मौजूद फिल्म वाले तो गद गद हो गए. साथ ही इस संवाद को जब लोगों ने टीवी पर सुना तो उन लोगों के मन में भी इस संवाद को जानने की जिज्ञासा हुई जो इस संवाद या ‘उरी’ फिल्म के बारे में नहीं जानते थे. जब लोगों को पता लगा यह संवाद फिल्म ‘उरी’ से है तो उसके बाद ‘उरी’ फिल्म को देखने वालों का तांता लग गया. और यह फिल्म इस साल की पहली छमाई की सबसे ज्यादा बिजनेस करने वाली फिल्म बन गयी.


जनवरी से जून 2019 की इस 6 महीने की अवधि में कुल लगभग 50 हिन्दी फिल्में प्रदर्शित हुईं हैं लेकिन ‘उरी’ फिल्म के कमाई के आंकड़े को अभी तक कोई और फिल्म नहीं छू सकी है. यहाँ तक सलमान खान की फिल्म ‘भारत’ भी बड़ी मुश्किल से 209 करोड़ रुपए ही एकत्र कर पाई है.


उधर, अभी 21 जून को लगी निर्माता भूषण कुमार की फिल्म ‘कबीर सिंह’ चाहे अपनी कहानी और कंटेन्ट को लेकर विवादों में भी है. लेकिन 60 करोड़ रुपए में बनी निर्देशक संदीप वांगा की इस फिल्म ने करीब 125 करोड़ रुपए का नेट बिजनेस करके दिखा दिया है. जबकि फिल्म के नायक शाहिद कपूर की पिछले वर्ष सितम्बर में प्रदर्शित फिल्म ‘बत्ती गुल मीटर चालू’ बुरी तरह फ्लॉप हो गयी थी. ‘कबीर सिंह’ फिल्म की नायिका कियारा आडवाणी भी कोई बड़ी स्टार नहीं है. लेकिन दर्शक इस फिल्म को सराह रहे हैं.



‘उरी’ और ‘कबीर सिंह’ ही नहीं इन पिछले 6 महीनों में ‘द ताशकंत फ़ाइल्स’ ‘लुका छिपी’, केसरी’,’गली बॉय’ और ‘बदला’ जैसी कम बजट वाली फिल्मों ने भी बड़ी कमाई की.


यहां यह दिलचस्प है कि ‘बदला’, ‘केसरी’ और ‘गली बॉय’ जैसी फिल्मों में बड़े सितारे तो थे. लेकिन इन फिल्मों का बजट बहुत ज्यादा नहीं था. निर्देशक सुजॉय घोष की 8 मार्च को प्रदर्शित ‘बदला’ में अमिताभ बच्चन मुख्य आकर्षण थे और उनके साथ थीं तापसी पन्नु. जबकि इस ड्रामा थ्रिलर फिल्म का निर्माण शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज़ ने किया था. शाहरुख खान ने अमिताभ बच्चन के साथ भी ‘बदला’ को सिर्फ करीब 20 करोड़ के बजट में बना लिया था. लेकिन इस फिल्म ने पहले हफ्ते में ही करीब 23 करोड़ रुपए का नेट बिजनेस करके अपनी लागत से अधिक अपनी झोली में समेट लिए. और बाद में तो कुल 88 करोड़ रुपए एकत्र करके अपना नाम सुपर हिट फिल्मों में शुमार कर लिया.


ऐसे ही वेलेनटाइन डे पर प्रदर्शित ‘गली बॉय’ में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट जैसे सितारे थे. लेकिन फ़िल्मकार जोया अख्तर की 50 करोड़ में बनी इस फिल्म ने करीब 140 करोड़ रुपए का बिजनेस करके दिखा दिया कि मोटी कमाई के लिए मोटा बजट रखना जरूरी नहीं.



अब बात करें ‘केसरी’ की तो अक्षय कुमार एक ऐसे अभिनेता है जो अपनी फिल्मों का कम बजट रखकर लगभग हमेशा बड़ी कमाई करते रहे हैं. अक्षय इस बारे में अक्सर अपनी बातचीत में बता चुके हैं, “मैं अपनी फिल्म को कम बजट में बनाता हूँ जिससे कभी फिल्म ज्यादा न भी चले तो नुकसान कम से कम हो.“ हालांकि इस बार उनकी फिल्म ‘केसरी’ एतिहासिक थी तो उन्हें अपनी इस फिल्म का बजट करीब 75 करोड़ रुपए तक ले जाना पड़ा. फिर भी उनकी ‘केसरी’ ने 150 करोड़ से भी कुछ ज्यादा का नेट बिजनेस करके अपनी फिल्म को हिट बना दिया.


इस छमाई में जिन और छोटी फिल्मों ने अच्छी कमाई की उनमें ‘लुक्का छिप्पी’ का बजट अधिकतम 25 करोड़ रुपए था लेकिन लुका छिपी करते करते भी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर करीब 94 करोड़ रुपए प्राप्त करने में सफल रही, जो एक बड़ी कमाई है.


‘लुका छिपी’ के साथ ‘टोटल धमाल’ ने भी किया कमाल


फ़िल्मकार इन्द्र कुमार की फिल्म ‘टोटल धमाल’ ‘लुक्का छिप्पी’ से एक सप्ताह पहले प्रदर्शित हुई थी. जिसमें अजय देवगन, माधुरी दीक्षित, अनिल कपूर, अरशद वारसी, रितेश देशमुख जैसे कलाकार हैं. ‘धमाल’ के इस कॉमेडी सीकवेल ने भी करीब 155 करोड़ रुपए का नेट बिजनेस करके सफलता पाई. जबकि इस फिल्म का बजट भी 80 करोड़ रुपए के आसपास था.



इधर 12 अप्रैल को लगी विवेक अग्निहोत्री की ‘द ताशकंत फ़ाइल्स’ ने टिकट खिड़की पर यूं सिर्फ करीब 17 करोड़ रुपए ही समेटे लेकिन इसके बावजूद यह फिल्म सुपर हिट इसलिए रही कि ‘द ताशकंत फ़ाइल्स’ का बजट सिर्फ 4 करोड़ रुपए था. लेकिन फिल्म ने अपनी लागत से चार गुना एकत्र करके दिखा दिया, कि जो ‘देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर’ .


बड़े बजट की फिल्मों को नहीं मिली बड़ी सफलता


देखा जाये तो पिछले 6 महीनों मेँ बड़े बजट की फिल्में कम ही आयीं लेकिन जो आयीं वे भी फ्लॉप हो गईं या बड़ी कमाई नहीं कर सकीं. सलमान खान, कटरीना कैफ जैसी सुपर हिट जोड़ी वाली बहुचर्चित फिल्म का करीब 200 करोड़ रुपए का बिजनेस करना भी इसलिए ज्यादा मायने नहीं रखता कि इस फिल्म से 300 करोड़ की उम्मीद थी. सलमाम खान जैसे सितारे की फिल्म से ज्यादा बिजनेस यदि विक्की कौशल की छोटी फिल्म ‘उरी’ करती है तो फिर सलमान खान होने का मतलब क्या रह जाता है.


इधर ‘भारत’ ने 209 करोड़ का बिजनेस करके अपनी साख थोड़ी बहुत तो बचा ली. लेकिन करण जोहर जैसे निर्माता की ‘कलंक’ और ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर’ तो फ्लॉप ही हो गईं. जबकि ‘कलंक’ मेँ माधुरी दीक्षित, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा के साथ वरुण धवन, आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर जैसी बेस्ट कास्ट थी. लेकिन 150 करोड़ रुपए के बजट वाली यह फिल्म सिर्फ 81 करोड़ रुपए का नेट बिजनेस ही कर पाई. ऐसे ही 80 करोड़ के बजट की ‘स्टूडेंट ऑफ द इयर-2’ भी सिर्फ 70 करोड़ रुपए ही अपने खाते मेँ डाल पाई. उधर अजय देवगन, तब्बू की रोमांटिक कॉमेडी ‘दे दे प्यार दे’ 102 करोड़ रुपए का बिजनेस कर ठीक ठाक कमाई करने मेँ तो सफल रही लेकिन बड़ी कमाई नहीं कर सकी.


इस साल शुरू में जब 25 जनवरी को निर्माता ज़ी स्टूडियो की फिल्म ‘मणिकर्णिका’ प्रदर्शित हुई तो इस फिल्म से भी काफी उम्मीद थी. कंगना रानौत जैसी सशक्त नायिका इसमें झांसी की रानी की भूमिका में थी. साथ ही कंगना ने फिल्म के कुछ हिस्सों का निर्देशन भी किया था. फिल्म को दर्शकों ने पसंद भी किया लेकिन यह फिल्म सिर्फ 95 करोड़ रुपए के बिजनेस पर अटक कर 100 करोड़ क्लब में भी नहीं पहुँच पाई. जबकि इस फिल्म का बजट ही 90 करोड़ रुपए था.


इधर अभी 28 जून को प्रदर्शित फ़िल्मकार अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ से भी बड़ी सफलता की संभावनाएं हैं. फिल्म सुर्खियों में होने के साथ ही पहले दिन ही करीब 5 करोड़ रुपए का बिजनेस करके यह अच्छे से आगे बढ़ रही है. फिल्म के नायक आयुष्मान खुराना पिछले साल भी अपनी छोटे बजट की ‘बधाई हो’ और ‘अंधाधुन’ से शानदार और बड़ी सफलता पा चुके हैं. ‘आर्टिक्ल-15’ यदि 25 से 30 करोड़ रुपए का बिजनेस भी कर लेती है तो यह अच्छी हिट साबित होगी.


यह सब देख लगता है कि यदि छोटे बजट की फिल्में यूं ही ज्यादा कमाई करती रहीं और बड़ी फिल्मों का बुरा हश्र होता रहा तो बड़े बजट की फिल्मों को बनाने का सिलसिला कुछ समय के लिए थम भी सकता है.


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